चिटफंड के फ्राड पर पुलिस देगी दंड
-समीक्षा के लिए एसएसपी ने तलब की रिपोर्ट
-एक पखवारे के अंदर सामने आए तीन मामले GORAKHPUR: जिले में चिटफंड कंपनी खोलकर लोगों की गाढ़ी कमाई की चपत लगाने वालों पर शिकंजा कसेगा। शिकायत मिलने पर जांच कर थानेदार मुकदमा दर्ज करेंगे। एफआईआर दर्ज करने में हीला-हवाली करने में पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। जिले में चिटफंड का मामले सामने आने पर एसएसपी से सख्त तेवर अपनाए हैं। शुक्रवार देर रात एसएसपी ने जिले भर में पांच साल के भीतर हुए मामलों की डिटेल तलब की। एसएसपी ने कहा कि चिटफंड के फर्जीवाड़े में दर्ज मुकदमे, उसमें हुई कार्रवाई, गिरफ्तारी सहित अन्य वितरण तलब किया गया है। माना जा रहा है कि ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए गैंगेस्टर में केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। एसएसपी से मिले पीपीगंज एरिया के पीडि़तजिले में चिटफंड कंपनियां खोलकर हर साल करोड़ों रुपए की जालसाजी की जा रही है। पीपीगंज कस्बे में चिटफंड कंपनी खोलकर कुछ लोगों ने करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर ली है। करीब एक हफ्ते से पीडि़त थानों का चक्कर लगा रहे थे। शिकायत करने पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो शुक्रवार को सबने एसएसपी से मिलकर मामले की जानकारी दी। एक पखवारे के अंदर चौरीचौरा और कैंट एरिया में चिटफंड कंपनी का फ्राड सामने आने पर एसएसपी ने प्लान तैयार कराया। एसएसपी का मानना है कि सख्त कार्रवाई के अभाव में जालसाज आसानी से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। लोगों की रकम लेकर फरार होने वाले जालसाजों मामूली रकम खर्च कर खुद को बचा भी लेते हैं। चिटफंड कंपनियों की जालसाजी रोकने के लिए पुलिस जहां सख्ती के मूड में है। वहीं, जागरुकता अभियान चलाने की तैयारी भी रात में की गई। एसएसपी ने कहा कि लोगों के लालच में पड़ने से समस्या आती है।
बैंक करते सहयोग तो न हाेती प्रॉब्लम तमाम कवायदों के बावजूद बैंकों के प्रति लोगों का भरोसा नहीं बढ़ पा रहा। कम ब्याजदर और एकाउंट खोलने में होने वाली मशक्कत से परेशान होकर लोग चिटफंड कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि ज्यादातर लोगों को एजेंट्स ने अधिक से अधिक रुपए की वापसी झांसा देकर एकाउंट खुलवाया था। इनमें तमाम ऐसे लोग भी थे जो बैंक की योजनाओं से परेशान थे। बैंक में पहुंचने पर न तो मैनेजर ने ग्राहक से ठीक से बातचीत की। न ही बिना बिचौलियों के एकाउंट खोलने की पहल हुई। इससे परेशान होकर लोगों ने चिट फंड कंपनी की शरण ले ली।केस एक:
एक करोड़ का जमा, भुगतान लटका चार साल पूर्व पीपीगंज में एक बैंक खुला था। चिटफंड कंपनी खोला था। बैंक में करीब एक करोड़ से ज्यादा रकम जमा कराई गई थी। जमा रकम को डेढ़ गुना, दो गुना करने का झांसा देकर एजेंट्स लोगों को बरगालते थे। कंपनी की ओर से एजेंट्स को सात फीसदी की रकम दी जाती थी। अधिकाधिक कमाने के चक्कर में एजेंट्स ने सैकड़ों लोगों का एकाउंट खुलवा दिया। चार-पांच माह से पब्लिक अपने भुगतान के लिए भटक रही है। केस दो: स्टेशन रोड पर आफिस खोलकर लगाया चूना रेलवे स्टेशन रोड पर एक फाइनेंस कंपनी में लोगों ने रकम जमा कराई थी। कई बहाने करके उनका पैसा जमा कराया गया। बाद में भुगतान को लेकर विवाद होने पर मामला अटक गया। कैंट थाना में शिकायत होने पर पुलिस ने जांच की तो कई लोग इस मामले में बचाव के पक्ष में आ गए। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने एक्शन लिया। लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी। हर साल पांच से छह मामलेगोरखपुर में लीला लीजिंग हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, यक्ष फाइनेंस सहित कई कंपनियों का मामला दो दशक पूर्व सामने आया था। तभी से लगातार कोई न कोई शिकायत पुलिस को मिल रही है। बंगाल, ओडिशा, मुंबई, दिल्ली और यूपी के कई शहरों से गोरखपुर पहुंचकर जालसाज अपना तामझाम फैला रहे हैं। पांच साल के अंदर दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज कराई गई है। पिपराइच, कैंट, चौरीचौरा, सहजनवां सहित कई जगहों पर हुए फ्राड में पुलिस का एक्शन नाकाफी रहा। पुलिस के आंकड़ों पर यकीन करें तो हर साल औसतन चार से पांच मामले दर्ज किए जाते हैं। लेकिन विवेचना में बच निकलने का उपाय जालसाज खोज लेते हैं।
यह उठाया जाएगा कदम - संचालित हो रही चिटफंड कंपनियों का ब्यौरा जुटाया जाएगा। - डिटेल सामने आने पर इसकी सूचना वित्त मंत्रालय सहित अन्य को दी जाएगी। - कंपनी के रजिस्ट्रेशन, इनकम, अधिकारियों और मालिकान के बारे में पड़ताल होगी। - किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर पुलिस ग्राहकों से तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कराएगी। - कम रुपए जमाकर अधिक लाभ कमाने का झांसा देने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। - जन जागरुकता के लिए पुलिस प्रचार-प्रसार करेगी। थानों चौकियों पर बोर्ड लगाए जाएंगे।चिटफंड कंपनियों से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं। लोगों की गाढ़ी जमा कराकर जालसाज फरार हो जाते हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जालसाजों पर मुकदमा लिखने के अलावा पुलिस की ओर से जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। जिले में भर में सामने आए मामलों की फाइलें तलब की गई हैं। उनकी समीक्षा करके जरूरी एक्शन लिया जाएगा।
शलभ माथुर, एसएसपी गोरखपुर