'नमस्ते कैसे हैं आप? गोरखपुर के थानों पर अब पुलिस आपसे ऐसे ही मिलते नजर आएगी. शिकायत दर्ज करानी होगी या अपनी पीड़ा सुनानी हो उसके लिए पहुंचे फरियादियों की थोड़ी टेंशन गोरखपुर पुलिस उनका वेलकम कर दूर करेगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके बाद उन्हें कुर्सी पर बैठे पुलिसकर्मी खड़े होकर सबसे पहले उनका सम्मान करेंगे। इसके बाद बैठाकर फरियाद सुनेंगे। प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी के निर्देश पर 'जनता ही सर्वोपरिÓ उद्देश्य पर अब यूपी पुलिस काम करेगी। निर्देश जारी होने के बाद सोमवार को एडीजी अखिल कुमार ने कैंट थाने से इस पहल की शुरुआत की। इस तरह उत्तर प्रदेश में फरियादियों का वेलकम करने वाला कैंट पहला थाना बन गया। एडीजी ने किया फरियादी का वेलकमसोमवार को सुबह 11 बजे एडीजी अखिल कुमार पहुंचे। इस दौरान कैंट थाने पर आए एक बुजुर्ग और दो महिला फरियादियों का स्वागत किया। ये सब देखकर पीडि़तों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। कैंट थाने में पहुंचे एडीजी ने इस दौरान महिला और पुरूष पुलिस कर्मियों को अच्छा व्यवहार करने की हिदायत दी। एडीजी ने उन्हें फरियादियों का किस तरह सम्मान करना है, ये भी बताया।


एडीजी के सामने सुनी गई फरियाद

प्रैक्टिकल कर थाने में पर जानकारी और ट्रेनिंग देने के बाद एडीजी वहां कुछ देर और रुके। इस दौरान तीन फरियादियों को इंस्पेक्टर के कमरे में बैठाया कर पहले पानी पिलाया गया, फिर फरियाद सुनी गई। इंस्पेक्टर कैंट रणधीर मिश्रा और सभी चौकी इंचार्ज ने एडीजी की बातों को ध्यान से सुना और उसके अनुसार एक-एक कर फरियादियों को सम्मान से बैठाकर उनकी फरियाद सुनी। पुलिसिंग सुधारने के लिए पहले की गई है पहल1. पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टमएडीजी ने पुलिस का व्यवहार अच्छा हो इसके लिए पीएआर यानी पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम शुरू किया है। पीएआर सिस्टम में पब्लिक अपने क्षेत्र के थाने का फीडबैक वोट के माध्यम से देती है। पब्लिक द्वारा फीडबैक देने के कारण अब थानों पर एफआईआर लिखी जा रही है और उनके थानों पर पुलिस के व्यवहार में भी बदलाव आया है।2. समय से विवेचना निपटाने के लिए पहलएसएसपी ने अभी हाल ही में फरियादियों की विवेचन जल्द निपटाने के लिए नई पहल की है। किसी भी थाने को विवेचना का निस्तारण जल्द करना होगा। हर 15 दिन पर सभी थानों की समीक्षा होगी। इसके आधार पर रैंक जारी होगी। तीन बार रैंक में पीछे रहने वाले थाने पर कार्रवाई की जाएगी।3. आईजीआरएस पर आई कंपलेन का निस्तारण

एसएसपी की पहल पर अब पुलिस ऑफिस, एडीजी या आईजी दफ्तर, सीएम कैंप और आईजीआरएस पर आई शिकायतों की पुलिस ऑफिस से मॉनीटरिंग हो रही है। पहले ये अलग-अलग देखा जाता था। साथ ही एक शिकायतकर्ता एक नंबर से केवल 10 ही शिकायत कर पाएगा, ताकि फर्जी शिकायतों पर रोक लगे।प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी का निर्देश है कि जनता ही सर्वोपरि के उद्देश्य के लिए अब हर थाने में महिला सिपाही या उनके न होने पर पुरुष सिपाही आने वाले फरियादियों का सत्कार करे। फरियादी से हाल चाल और पानी पूछें। मित्र पुलिस की अवधारणा को साकार करने के लिए ये पहल कैंट थाने से शुरू हो गई है। अखिल कुमार, एडीजी

Posted By: Inextlive