पुलिस कराएगी ड्राइवर्स का वेरीफिकेशन
- व्हीकल पर लिखा जाएगा मोबाइल नंबर
- आई नेक्स्ट की मुहिम पर एसएसपी ने उठाया कदम - आरटीओ ने जारी किया नंबर प्लेट दुरुस्त करने का निर्देश GORAKHPUR: दिल्ली में कैब के भीतर हुई रेप की घटना पर आई नेक्स्ट ने अभियान चलाया। इस अभियान को जहां पब्लिक ने सराहा, वहीं अभियान से प्रभावित होकर एसएसपी ने ड्राइवर्स के वेरीफिकेशन का निर्देश दिया। जल्द ही फार्म के फार्मेट पर नाम, पता मोबाइल नंबर दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। सभी थाना क्षेत्रों में अभियान चलाकर वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वारदात के बाद नहीं भाग पाएंगे ड्राइवरएसएसपी ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद जरूरी है। टैक्सी, बस, जीप सहित अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर्स की पहचान नहीं हो पाती है। किसी घटना के बाद ड्राइवर के पहचान की जरूरत पड़े तो प्रॉब्लम होती है। यह भी नहीं पता लग पाता कि ड्राइवर किस तरह का व्यक्ति है। उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है। ऐसे में जब वेरीफिकेशन जा जाएगा तो उनका पूरा रिकार्ड कंप्यूटर में दर्ज रहेगा। जरूरत पड़ने पर पुलिस फौरन रिकार्ड खंगाल लेगी।
पुलिस करेगी यह कार्रवाई -सभी थाना क्षेत्रों में ड्राइवर्स का वेरीफिकेशन होगा।-प्राइवेट, टैक्सी, बस के सभी ड्राइवर्स का रखा जाएगा डाटा
-वेरीफिकेशन में सहयोग न करने वालों पर सख्ती से होगी कार्रवाई -व्हीकल चेकिंग के दौरान पुलिस ड्राइवर का पुलिस वेरीफिकेशन रिकार्ड भी चेक करेगी। -किसी भी आटो टैक्सी, प्राइवेट व्हीकल के लिए ड्राइवर रखने पर पुलिस को सूचना देनी होगी। -व्हीकल पर ड्राइवर का नाम और मोबाइल नंबर लिखा जाएगा। आरटीओ ने भी शुरू की कार्रवाई आटो रिक्शा, कार, बस या जीप में मनमानी नंबर प्लेट्स नहीं चलेगी। आई नेक्स्ट के अभियान पर आरटीओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आरटीओ की तरफ से निर्देश जारी किया गया। मंडे से इसका अनुपालन पूरी तरह से शुरू करा दिया जाएगा। मानक के अनुरूप नंबर प्लेट्स न होने पर आटो का चालान किया जाएगा। आरटीओ की तरफ से कहा गया कि सभी व्हीकल आनर इसका पालन करेंगे। इसकी पड़ताल के लिए अचानक जांच की जाएगी।आई नेक्स्ट का अभियान बेहद ही सराहनीय है। इसको देखते हुए सिटी में ड्राइवर्स का वेरीफिकेशन कराया जाएगा। सभी थाना क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलाकर प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसका फायदा आम आदमी को मिलेगा। टैक्सी में किसी का सामान गुम हो जाए फिर कोई घटना हो जाए। इससे पुलिस को जांच में आसानी होगी।
रामकृष्ण भारद्वाज, एसएसपी