- बेलीपार के बेला की घटना, हत्या व आत्म हत्या में उलझी पुलिस

- फर्श पर मिले खून के छींटे

GORAKHPUR: बेलीपार एरिया में सैटर्डे मार्निग फंदे में लटकी लाश मिलने से सनसनी फैल गई। युवक की पहचान बेला निवासी 30 वर्षीय सोनू के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि परिवार में कई दिनों से विवाद चल रहा था, इसे लेकर वह परेशान था। सैटर्डे मार्निग उसकी लाश पंखे के कुंडी से फंदे में लटकती पाई गयी। आशंका जताई जा रही है कि उसकी हत्या कर खुदकुशी का रूप तो नहीं दिया गया। सूचना पर पहुंची पुलिस लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मुंबई से एक माह पहले आया था घर

बेलीपार एरिया के बेला निवासी सोनू मुम्बई में पेंट-पॉलिश का काम करता था। वह एक माह पहले ही घर आया था। पत्‍‌नी सीमा अपने तीन बच्चे शुभम, अमन और आयुष के साथ कमरे में सो रही थी। सुबह सीमा पति को जगाने के लिए उसके कमरे में पहुंची। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। उसने दरवाजा खटखटया तो अंदर से किसी की आवाज नहीं आई। इसके बाद वह बगल के खिड़की से कमरे में झांककर देखा तो उसे होश उड़ गए। पंखे के कुंडी से साड़ी के फंदे में सोनू झूल रहा था। घटना की जानकारी पुलिस को दी गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर लाश को नीचे उतरवाया। मृतक का पैर फर्श से सटा हुआ था और नीचे खून के छींटे थे। खैर पुलिस पोस्टमर्टम रिपोर्ट का इंतजार में लगी है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी।

कहीं हत्या तो नहीं की गई

बेलीपार के रहने वाले सोनू की खुदकुशी किसी के गले नहीं उतर रही है। मौकाए-वारदात पर पुलिस को बॉडी जिस हाल में मिली है, उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उसकी हत्या की गई है। वह इसलिए कि मोनू का शव फंदे पर तो लटका हुआ था, लेकिन उसका पैर फर्श से सटा हुआ था। फर्श से सटे होने के बाद भी किसी की मौत हो जाए, यह मुमकिन नहीं है। वहीं लाश के आस-पास खून के छींटे भी मिले हैं, जबकि फांसी लगाने की कंडीशन में खून नहीं निकल सकता।

अकेल रहता है परिवार

सोनू का परिवार अकेले ही गांव पर रहता है। पिता हौसिला शुक्ला मुंबई में रहकर पेंट-पालिश का काम करते हैं। यहीं पर रहकर सोनू भी पेट पालिश का काम करता था। बताया जा रहा है कि वह परिवार को लेकर काफी परेशान चल रहा था। पत्‍‌नी सीमा के साथ अक्सर विवाद होते रहते थे। इससे वह आजिज आ गया था। उसके तीन बच्चे है शुभम दस साल, अमन सात साल और आयुष पांच साल। परिवार पूरी तरह से सोनू पर ही निर्भर था। मौत के बाद बच्चों का रो-रो का हाल बुरा है।

Posted By: Inextlive