कोरोना से जंग के दौरान ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली कार्यदायी संस्थाएं मोटा मुनाफा कमाने से बाज नहीं आई. दोनों लहरों में सरकार ने प्रदेश के अस्पतालों में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन प्लांट और गैस पाइपलाइन की स्थापना की है. इसके लिए पीएम केयर्स आपदा कोष और कारपोरेट रिस्पांसबिलिटी फंड सीआरआर से रकम दी गई है. इन ऑक्सीजन प्लांट के स्थापना में कार्यदायी संस्थाओं ने मानकों का उल्लंघन किया है. इसकी शिकायत के बाद शासन ने 10 फीसदी निर्माण कार्यों का टेक्निकल ऑडिट कराने का फैसला किया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। शासन से सचिव रविंद्र ने स्वास्थ्य महानिदेशालय से तकनीकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ। वीबी सिंह ने सूबे के सभी सीएमओ को इस बाबत पत्र लिखा है। लगा दिया है पीवीसी पाइप


शासन ने पत्र में साफ तौर पर कार्यदाई संस्थानों पर मानकों से समझौता करने का अंदेशा जताया है। उन्होंने लिखा है कि सूचना मिली है कि कुछ जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट के स्थापना के मानकों का उल्लंघन हुआ है। प्लांट में कॉपर पाइप की जगह पीवीसी पाइप लगाई गई। उसे कॉपर के कलर से पेंट कर दिया गया। इसके अलावा आईसीयू वार्ड में सक्शन के लिए अलग से पाइप नहीं लगाई गई है। यह सूचना गंभीर है। यह खतरे का सबब हो सकती है। इसकी जांच जरूरी है। महानिदेशक ने सभी सीएमओ को तकनीकी टीम से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि रैंडम चयन कर 10 फीसदी कार्य का तकनीकी टीम से जांच कराई जाए। यह जांच थर्ड पार्टी करेगी। जिससे वास्तविकता का पता चल सके।गोरखपुर में एमएमएमयूटी करेगी जांच

कोरोना की दो लहरों में जिले में 17 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हुई है। यह ऑक्सीजन प्लांट 15 अस्पतालों में स्थापित हुए। इन ऑक्सीजन प्लांट की तकनीकी जांच के निर्देश सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह जांच मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएमएमयूटी) की तकनीकी टीम से कराई जाएगी। अगर इसमें गड़बड़ी मिलती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive