थर्ड वेव पर प्लानिंग कमिशन का अलर्ट, तैयार रखें आईसीयू बेड
- एक सितंबर से खुल जाएंगे कक्षा एक से 12वीं तक के सभी क्लासेज
GORAKHPUR: संभावित थर्ड वेव को लेकर नीति आयोग ने चेतावनी जारी की है। उन्होंने आईसीयू बेड तैयार रखने की बात कही है। इसी बीच सरकारी और गैर सरकारी स्कूल भी खुल चुके हैं। इस आदेश के बाद पेरेंट्स की टेंशन भी बढ़ गई है। जिला प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट की मानें तो थर्ड वेव से निपटने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। जिला प्रशासन की मानें तो हास्पिटल में इलाज के लिए बेड, ऑक्सीजन प्लांट, पीआईसीयू आदि की व्यवस्था की जा चुकी है। स्कूल के टीचर्स व पेरेंट्स को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। एक सिंतबर से शुरू हो जाएंगी सभी क्लासेजबड़े बच्चों की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और एक सितंबर से कक्षा एक और उससे ऊपर के स्टूडेंट्स की क्लासेज भी शुरू हो जाएंगी। जिले में कोविड कंट्रोल में है, लेकिन देश केकुछ हिस्सों में कोविड के मरीज अब भी मिल रहे हैं। इस बीच त्योहारों की शुरूआत भी हो चुकी है। ऐसे में संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों के साथ शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। सीएमओ डॉ। सुधाकर पांडेय ने कहा है कि शिक्षकों और अभिभावकों का संयुक्त दायित्व है कि बच्चे कोविड नियमों का पालन करते हुए ही कक्षाओं में पढ़ाई करें।
कोविड प्रोटोकॉल का रखना है ध्यान सीएमओ ने बताया कि स्कूलों में पढ़ाई के संबंध में शासन से विस्तृत दिशा-निर्देश सभी विद्यालयों को भेजे जा चुके हैं। उन दिशा-निर्देशों का पालन करना मस्ट है। क्लासेज का सेनेटाइजेशन आवश्यक है और सभी बच्चे और शिक्षक मास्क लगाकर ही पढ़ाई करनी है। बच्चों के हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। घर पर ही बच्चों के अभिभावक हाथों को सुमन के विधि से साबुन पानी से धोने या सेनेटाइज करने के बारे में विशेष तौर पर प्रशिक्षित करें। स्कूल में शिक्षक इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा लंच के समय बिना सेनेटाइज किए हाथों से खाने का सेवन न करें। पढ़ाई के दौरान एक बच्चे से दूसरे बच्चे के बीच की दूरी का भी ध्यान रखा जाए। अगर किसी बच्चे में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण हैं तो विद्यालय अभिभावकों को सूचित करे और बच्चे को तुरंत डॉक्टर्स को दिखाया जाए। पेरेंट्स की होगी जिम्मेदारीसीएमओ ने बताया कि बच्चों को यह खासतौर पर सिखाना है कि वह नाक, मुंह और आंख को हाथों से न छुएं। नाखून छोटे रखने हैं और स्कूल से घर आने के बाद अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह बच्चे के कपड़े तुरंत धुलने को डाल दें। जूते, बैग आदि सेनेटाइज कर दें। बच्चे को अगर बुखार आ रहा है तो अस्पताल जाने में देरी नहीं करनी है। इस दौरान न तो अपने मन से दवा देनी है और न ही किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक की सहायता लेनी है। उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म का बुखार होने पर यदि समय से चिकित्सक के पास पहुंचा जाए तो बीमारी की जटिलताएं कम हो जाती हैं।
ऐसे साफ- सुथरे रखने हैं हाथ - सबसे पहले हथेलियों पर साबुन पानी या सेनेटाइजर लगाएंगे - फिर हथेलियों को उल्टा करके सफाई करेंगे - फिर मुट्ठियों की सफाई होगी - अंगूठे साफ करेंगे - नाखूनों को साफ करेंगे - कलाई साफ करेंगे - साबुन पानी से 40 सेकेंड तक हाथों की सफाई करनी है हॉस्पिटल का नाम व बेड बीआरडी मेडिकल कालेज - 500 गर्वमेंट होमियोपैथी कालेज - 200 एम्स कूड़ाघाट - 200 गुरू श्रीगोरखनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज - 200 सीएचसी चौरीचौरा - 50 सीएचसी हरनही - 50 टीबी हास्पिटल - 100 बीआरडी मेडिकल कालेज के पीडिया डिपार्टमेंट में तैयारी20 बेड का पीआईसीयू
30 बेड एचडीयू
50 बेड का आईसोलेशन 10 बेड का ट्राईएज संभावित तीसरी लहर को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत दो शिफ्ट में क्लासेज चल रही हैं। लेकिन पेरेंट्स, टीचर्स और स्टूडेंट्स सभी को अवेयर रहने की जरूरत है। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस