इतिहास और वर्तमान को जोड़ने वाला पुल है फोटोग्राफ्स
- डीडीयूजीयू के 34 वें दीक्षांत सप्ताह समारोह में आयोजित हुई फोटो एग्जिबिशन
GORAKHPUR: फोटोग्राफ्स सिर्फ एक ही विषय को अलग-अलग ढंग से देखने-दिखने का माध्यम ही नहीं होते बल्कि इतिहास और वर्तमान को जोड़ने वाले पुल भी होते हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे पुलों को न सिर्फ मजबूत किया जाए। बल्कि उन्हें धरोहर के रूप में सुरक्षित भी किया जाए। यह बातें डीडीयूजीयू के वीसी प्रो। अशोक कुमार ने 34 वें दीक्षांत समारोह सप्ताह के दौरान ऑर्गनाइज फोटो एग्जिबिशन के दौरान कही। थीम बेस्ट एग्जिबिशन चुनौतीपूर्णउन्होंने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए पहली बार थीम बेस्ड प्रदर्शनी का आयोजन करना चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन आयोजन समिति ने इसे काफी खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए चित्रों के लिए फोटोग्राफर्स को बधाई देते हुए कहा कि चूंकि सभी चित्र अपने आप में एक अनुपम कृति हैं। इसलिए कुछ चयनित फोटो को पुरस्कृत करने के बजाय सभी को सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई की भविष्य में अमृता कला वीथिका में इस प्रकार के और भी आयोजन होंगे।
अलग से भी हो एग्जिबिशनइस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो। मधु कुमार ने सभी फोटोग्राफर्स को बधाई देते हुए कहा कि ये चित्र भौतिकता, भाव और कल्पनाशीलता के बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने प्रदर्शनी में पुराने और दुर्लभ चित्रों के एक विशेष खंड की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे पुराने चित्रों की अलग से भी प्रदर्शनी आयोजित होनी चाहिए। हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो। चित्तरंजन मिश्र ने कहा कि ऐसे आयोजन स्मृति की सुखद यात्रा में ले जाते हैं। उन्होंने इस प्रकार के चित्रों के संग्रह और संरक्षण के लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत पर जोर दिया।
जारी रहेंगे ऐसे प्रयास प्रदर्शनी में उपस्थित अवकाश प्राप्त शिक्षकों प्रो। अशोक सक्सेना तथा प्रो। विनोद सोलंकी ने भी प्रदर्शनी और संपूर्ण आयोजन की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई की ऐसे प्रयास जारी रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रदर्शनी के संयोजक डॉ। हर्ष कुमार सिन्हा ने किया। आभार ज्ञापन दीक्षांत अनुश्रवण समिति के संयोजक प्रो। एचएस शुक्ल ने किया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के वित्त अधिकारी अतुल कुमार के अलावा संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और बड़ी संख्या में कला प्रेमी मौजूद रहे।