- डीडीयूजीयू के दर्शन शास्त्र डिपार्टमेंट में चल रहे पीजी डिप्लोमा इन योगा में एडमिशन से किया इंकार

- नाराज स्टूडेंट्स ने काउंसलिंग संयोजक के सामने किया हंगामा

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू के दर्शन शास्त्र डिपार्टमेंट में चल रहे पीजी डिप्लोमा इन योगा कोर्स में एडमिशन से वंचित स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया। स्टूडेंट्स का आरोप है कि डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष ने मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद एडमिशन लेने से इंकार कर दिया, जबकि वह यूनिवर्सिटी के रेगुलर स्टूडेंट्स हैं। वहीं एलिजिबिल्टी क्राइटेरिया में यूनिवर्सिटी का रेगुलर स्टूडेंट होना जरूरी है। एडमिशन से वंचित स्टूडेंट्स ने इसकी शिकायत वीसी और रजिस्ट्रार से की है।

14 से चल रही काउंसलिंग

डीडीयूजीयू के दर्शन शास्त्र विभाग के तहत चलने वाले पीजी डिप्लोमा इन योगा कोर्स में सेशन 2015-16 की काउंसलिंग चल रही है। 14 अक्टूबर से शुरू हुई काउंसलिंग में 15 अक्टूबर को मेरिट लिस्ट के अकॉर्डिंग स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए बुलाया गया था। इसके लिए नोटिस बोर्ड पर नोटिस भी चस्पा की गई, लेकिन गुरूवार की दोपहर जब यूनिवर्सिटी लॉ डिपार्टमेंट और एमएड स्टूडेंट्स अनंत पांडेय, शशि शंकर शुक्ल, प्रशांत पांडेय और सुरेश्वर मद्धेशिया आदि एडमिशन के लिए काउंसलिंग के लिए पहुंचे तो उनका एडमिशन लेने से काउंसलिंग संयोजक प्रो। द्वारका नाथ ने मना कर दिया।

मेरिट में नाम के बाद भी इनकार

स्टूडेंट्स का आरोप है कि मेरिट में उनका नाम होने के बावजूद उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया गया। इससे नाराज स्टूडेंट्स ने हंगामा शुरू कर दिया। इस मामले में एचओडी प्रो। डीएन यादव का कहना है कि 15 अक्टूबर को उन स्टूडेंट्स को बुलाया गया था, जो सत्र 2015-16 में यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिए हों, लेकिन इन सभी स्टूडेंट्स ने 2014-15 सत्र में एडमिशन लिया है। चूंकि इन स्टूडेंट्स का सत्र लेट चल रहा है। ऐसे में इनका एडमिशन ले पाना मुमकिन नहीं है।

क्यों सबमिट कराए गए फॉर्म

एडमिशन से वंचित स्टूडेंट्स का कहना था कि अगर यूनिवर्सिटी को केवल 2015-16 सत्र के स्टूडेंट्स का एडमिशन लेना था, तो फिर फार्म क्यों सबमिट कराए गए। वहीं अगर वह एलिजिबल नहीं थे तो उनका नाम मेरिट लिस्ट में नाम क्यों दर्ज हुआ? आखिरकार इन सभी सवालों का जवाब कौन देगा। इन सवालों पर विभागाध्यक्ष ने जवाब दिया कि इसकी नोटिस पहले ही चस्पा कर दी गई थी। चूंकि बीए की मार्कशीट पर कट आफ लिस्ट बनाई जाती है। इसी क्रम में इन स्टूडेंट्स का भी कट आफ लिस्ट में नाम आ गया होगा।

आखिरकार इन स्टूडेंट्स के एडमिशन क्यों नहीं हुए। इसके लिए संबंधित विभागाध्यक्ष से वार्तालाप की जाएगी। जो भी नियम होंगे। उन नियमों के आधार पर एडमिशन कराए जाएंगे।

अशोक कुमार अरविंद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive