ठंड कर रही बेहाल, कंबल के मुहाल
- गवर्नमेंट ने दिया 35 लाख का बजट
- लापरवाही के कारण में खरीद में विलंब GORAKHPUR: सर्दी के परवान चढ़ने के पहले प्रशासनिक व्यवस्था को पाला मार गया। हाड़ कंपाने वाले जाड़े की शुरूआत पर भी निर्बलों के बीच कंबल नहीं बंट सका। बजट होने पर भी लापरवाही के कारण कंबल की खरीद पूरी न हो सकी। कंबल खरीदने की प्रक्रिया में विलंब होने पर दिसंबर का महीना निकल जाएगा। अफसरों का कहना है कि कंबल वितरण संबंधी प्रक्रिया चल रही है। खरीदारी होते ही वितरण करा दिया जाएगा। अलाव के लिए भी तहसीलों को 50-50 हजार रुपए का बजट अनुमान्य है। 10 दिसंबर की अंतिम तारीखजाड़े में निर्बल, असहाय लोगों को ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण के निर्देश हैं। इसके लिए जिला प्रशासन की मांग पर प्रदेश सरकार बजट जारी करती है। कंबल वितरण के लिए 10 दिसंबर की अंतिम तारीख तय है। इसके पहले खरीद संबंधी प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। लेकिन जिले में कंबल वितरण को लेकर कोई तेजी नहीं दिखाई गई। खरीद प्रक्रिया में ढिलाई से अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। कंबल खरीदने के लिए गवर्नमेंट ने करीब 35 लाख का बजट जारी कर दिया है।
तहसीलों में बंटेंगे एक-एक हजार कंबलपब्लिक के बीच बांटे जाने वाले कंबल का मानक तय है। 235 सेंटीमीटर लंबे और 135 सेंटीमीटर चौड़ाई के कंबल का वजन दो किलो दो सौ ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। इस मानक में अनुसार प्रति कंबल की कीमत पांच सौ रुपए से कम तय की गई है। कोटेशन के आधार पर जिला प्रशासन को इसकी खरीद करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रत्येक तहसील में कम से कम एक हजार कंबल बांटने के निर्देश हैं। कंबल वितरण के पूर्व जरूरतमंदों को भी चिहिन्त कर लिया जाता है। ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके।