- 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक की वसूली के लिए एक्स्ट्रा 60 दिनों की मोहलत

- कर्ज माफी की भ्रामक सूचना फैलाकर वसूली बंद किए जाने का बनाया जा रहा है दबाव

- नाबार्ड सीजीएम की शिकायत पर प्रदेश सरकार ने लिया फैसला

GORAKHPUR: माइक्रो फाइनेंस कंपनीज से कर्ज लेकर अपना जीवन यापन करने वाली महिलाओं को शासन ने राहत दी है। अब एक नवंबर से 31 दिसंबर के बीच की जाने वाली वसूली के लिए प्रदेश सरकार ने 60 दिनों की एक्स्ट्रा मोहलत दी है। नवंबर और दिसंबर में बनने वाली किस्त की वसूली अब फरवरी तक की जा सकेगी।

प्रमुख सचिव वित्त डॉ। अनूप चंद पांडेय ने सभी डीएम का लेटर जारी कर इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। इसमें उन्होंने धन की अनुपलब्धता को इसकी अहम वजह बताया है।

कर्ज माफी की अफवाह

30 नवंबर को नाबार्ड लखनऊ के जीएम ने शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया कि प्रदेश के कुछ जनपद में कर्ज माफी की अफवाह फैल गई है। इसमें कुछ जगह यह बात आम हो गई है कि सरकार ने कर्ज लेने वालों का कर्ज माफ कर दिया है। इसकी वजह से स्थानीय स्तर पर माइक्रो फाइनेंस कंपनीज की वसूली बंद कराने का भी दबाव बनाया जा रहा है। इसमें उन्होंने माइक्रो फाइनेंस कंपनीज की ओर से की जा रही वसूली के प्रयासों को प्रभावित करने की आशंका भी जताई गई है। इस लेटर के बाद शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

कोई आदेश पारित नहीं

प्रमुख सचिव ने यह साफ किया है कि सेंट्रल गवर्नमेंट, स्टेट गवर्नमेंट और रिजर्व बैंक की ओर से कर्ज माफी का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। इसलिए सभी जिले में दूसरी माइक्रो फाइनेंस कंपनीज की ओर से किए जा रहे कर्ज माफी के प्रचार पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज के तौर पर 13 कंपनीज रजिस्टर्ड हैं। यह अपनी वर्किंग रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के मुताबिक पूरा करते हैं। यह कंपनीज कस्टमर्स से साप्ताहिक बैठक या दूसरे माध्यम से पैसा वसूल करती हैं। इन संस्थाओं को बैंक्स के साथ ही सिडवी और नाबार्ड भी पुनर्वित की फैसिलिटी मुहैया कराता है।

Posted By: Inextlive