Health News : खाने और नहाने से परहेज कर रहा बच्चा, कहीं यह 'सेल्फ हार्म' तो नहीं!
गोरखपुर (ब्यूरो)। यह लक्षण 'सेल्फ हार्मÓ यानि खुद को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। यहीं से स्ट्रेस और एंग्जाइटी की शुरुआत होती है, जो आगे चलकर सुसाइड तक पहुंच जाती है। यह फैक्ट साउथ ईस्ट एशियन कंट्रीज के लोगों पर हुई स्टडी में निकलकर सामने आए हैं। सुसाइड के मामले यूथ में ज्यादानेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ। नरेंद्र एस ने बताया, उनकी टीम ने साउथ ईस्ट एशियन कंट्रीज के लगभग 1000 लोगों पर स्टडी की। इसमें उन्होंने पाया कि 15 से लेकर 30 साल की उम्र के लोग सबसे ज्यादा सुसाइड कर रहे हैं। यह लोग सेल्फ हार्म के शिकार हैं, जिससे वो डिप्रेशन में जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 77 परसेंट सुसाइड लोअर और मिडिल इनकम वाले देशों में हो रहे हैं। साउथ ईस्ट एशियन देशों में सुसाइड रेट काफी हाई है। सेल्फ हार्म के लक्षण- बात-बात पर गुस्सा करना।
- अकेले में रहना।- गुस्सा होकर भोजन न करना।- पढ़ाई में ध्यान न लगाना।- घरवालों की बातों का विरोध करना।- हेल्थ पर ध्यान न देना।- डेली रूटीन फॉलो न करना।- कई दिनों तक न नहाना।इंडिया में 12 परसेंट सुसाइड के मामले बढ़े
डॉ। नरेंद्र ने बताया कि जब युवा अपने अंदर का स्ट्रेस बाहर नहीं निकाल पाते हैं तब वो खुद को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। 60 परसेंट से ज्यादा लोगों को लगता है कि अगर वो अपनी प्रॉब्लम किसी से शेयर करेंगे तो उसे कोई समझेगा नहीं। वे ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां किसी की आवाज भी न पहुंचे। उनको लगता है कि वो कुछ नहीं कर सकते। इसी वजह से दुनिया में हर 100 मौत में से एक मौत सुसाइड से हो रही है। पिछले एक साल में इंडिया में 12 परसेंट सुसाइड के मामले बढ़ गए हैं, जिसमें 85 परसेंट सुसाइड यूथ कर रहे हैं।महिलाएं कर रहीं ज्यादा अटेंप्टडॉ। नरेंद्र ने बताया कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा सुसाइड अटेंप्ट कर रही हैं, लेकिन मौत ज्यादा पुरुषों की हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुषों के सुसाइड करने का तरीका ज्यादा खतरनाक है। सेल्फ हार्म के मामले लड़कों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं क्योंकि वो अपने इमोशंस को अपने अंदर छिपाकर ही रखते हैं।सेल्फ हार्म के कारण- एकेडमिक प्रेशर- रिलेशनशिप प्रॉब्लम- कॅरियर टेंशन- हॉर्मोनल चेंज- मेंटल इलनेस- फैमिली प्रेशर- सोशल मीडियासेल्फ हार्म को रोकने के उपाय- प्रॉब्लम को जल्दी समझना
- पेशेंट के बिहेवियर को मोडिफाई करना- धार्मिक कामों में लगाना- उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराना- डॉक्टर से कंसल्टेशन- पॉजिटिव मेेंटल हेल्थ बिल्ड करना- लाफ्टर थेरेपी का इस्तेमाल- 7 से 9 घंटे की नींद लेना- हेल्थी लाइफस्टाइल मेनटेन करनायुवाओं में सेल्फ हार्म के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। साउथ ईस्ट एशियन देशों में सुसाइड रेट काफी हाई है। इसे रोकने के लिए पेरेंटिंग में बदलाव के साथ ही मेंटल हेल्थ लिटरेसी को बढ़ाने की जरूरत है। डॉ। नरेंद्र सिंह थगुन्ना, साइकोलॉजी डिपार्टमेंट, त्रिभुवन यूनिवर्सिटी, नेपाल