ठंड ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. जिला अस्पताल के ओपीडी में रोगियों की संख्या बढ़ गई है. गठिया से पीडि़तों का दर्द तेज हो गया है. हड्डी रोग व फिजियोथेरेपी विभाग में गठिया रोगियों में काफी वृद्धि हुई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। मेडिसिन विभाग में पहुंच रहे रोगियों में से लगभग 30 प्रतिशत सर्दी-जुकाम, बुखार व डायरिया से पीडि़त हैं। चेस्ट रोग व हृदय रोग विभाग में सांस फूलने से परेशान लोगों की संख्या बढ़ी है। डाक्टर ऐसे रोगियों को ठंड से बचने, गुनगुना गरम पानी पीने व गुनगुना पानी से नहाने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खासकर बुजुर्गों व बच्चों को ठंड से बचाकर रखें।जिला अस्पताल में अक्टूबर तक गठिया के रोगियों की संख्या प्रतिदिन 50-60 के होती थी, इस समय यह बढ़कर लगभग 150 हो गई है। चेस्ट व हृदय रोग विभाग में 70 की जगह लगभग सौ रोगी रोज पहुंच रहे हैं। इनमें से चार-पांच प्रतिशत को भर्ती करना पड़ रहा है। मेडिसिन ओपीडी में प्रतिदिन लगभग पांच सौ रोगी पहुंचते हैं। इनमें से लगभग 150 सर्दी-जुकाम, बुखार से पीडि़त हैं।


ठंड बढऩे से जोड़ों का दर्द बढ़ा है। अक्टूबर में प्रतिदिन हड्डी रोग विभाग से रेफर होकर 20-25 रोगी आते थे, इस समय इनकी संख्या 30-35 हो गई है। ऐसे रोगियों को ठंडे पानी से परहेज करना चाहिए।- डॉ। रवींद्र ओझा, फिजियोथेरेपिस्ट, जिला अस्पताल

सर्दी-जुकाम, बुखार के रोगियों की संख्या लगभग 10 प्रतिशत बढ़ गई है। पिछले माह तक प्रतिदिन सौ रोगी आते थे, इस समय इनकी संख्या लगभग 150 हो गई है। उन्हें ठंड से बचने की सलाह दी जा रही है।- डॉ। राजेश कुमार, फिजिशियन, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive