आखिरकार घर के लिए रवाना हुआ मरीज
- बारह दिन से डिस्चार्ज मरीज को नहीं भेजा सका था घर
- आई नेक्स्ट की खबर पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की खुली नींद - एंबुलेंस मंगा कर भिजवाया GORAKHPUR: बीआरडी के जिम्मेदारों को आखिरकार दर्द से कराह रहे मरीज की बेबसी दिख ही गई। आई नेक्स्ट ने इस खबर को इंतहा हो गई एंबुलेंस के इंतजार की नाम से प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसमें इमरजेंसी वार्ड में बंद पड़ी एंबुलेंस सेवा के चलते बारह दिन से डिस्चार्ज होने के बाद भी मरीज के घर न पहुंच पाने की पीड़ा पब्लिश की गई थी। खबर छपते ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन में खलबली मच गई। आनन-फानन में शुक्रवार रात मरीज को एंबुलेंस मंगा कर उसके घर अंबेडकर नगर भिजवाया गया। अपनों ने भी नहीं की मददआजमगढ़ निवासी चंद्र प्रकाश शुक्ला खोराबार एरिया के कुसम्ही के पास नौ मई को हादसे में घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल में एडमिट किया गया। यहां से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया। उनके एक पैर का ऑपरेशन और दूसरे का प्लास्टर किया गया। इस दौरान उनके किसी परिजन के ना होने से मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सरकारी खर्च पर उनका इलाज किया। हालत में सुधार आने के बाद 16 मई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। दोनों पैर फ्रैक्चर होने से वे स्वयं जाने में असमर्थ थे। घर वालों से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी मदद करने से इनकार कर दिया। वहीं बंद पड़ी एंबुलेंस सेवा का हवाला देते हुए जिम्मेदारों ने भी पल्ला झाड़ लिया। खबर छपने के बाद हरकत में आए मेडिकल कॉलेज अधिकारियों ने शुक्रवार रात करीब 11 बजे एनआरएचएम की एंबुलेंस मंगा कर मरीज को घर भेजा।
एंबुलेंस के लिए आला अफसरों से बात की गई थी। रात में एनआरएचएम की एंबुलेंस से मरीज को घर भिजवाया गया। - डॉ। एके श्रीवास्तव, कार्यवाहक एसआईसी