- बर्न वार्ड में गर्मी से रात भर तड़पते रहे, एक की मौत

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार रात 11 घंटे की बिजली कटौती ने मरीजों का जीना मुहाल कर दिया। सबसे अधिक दिक्कत बर्न वार्ड के पेशेंट्स को हुई। रात भर मरीज गर्मी से तड़पते रहे। मजबूर तीमारदार अधिकारियों के पास दौड़ने के अलावा कुछ नहीं कर सके। इसी बीच रात को एक मरीज की मौत हो गई।

जेनरेटर से मुश्किल नहीं हुई दूर

मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में शाम करीब चार बजे अचानक बिजली गुल हो गई। कुछ घंटे बाद भी जब लाइट नहीं आई तो आनन-फानन में जेनरेटर के लिए डीजल मंगाया गया। इसके बाद भी केवल ट्रामा सेंटर, 100 नंबर वार्ड, 14 नंबर इमरजेंसी मेडिसीन, 12 नंबर इमरजेंसी और गायनी इमरजेंसी की सप्लाई ही बहाल हो पाई। बर्न वार्ड सहित अन्य वार्ड अंधेरे में डूबे रहे। इसकी वजह से मरीज के साथ तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब तीन बजे सुबह बिजली आई, लेकिन आधे घंटे बाद ही बिजली दोबारा कट गई।

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आखिर बर्न वार्ड में जेनरेटर क्यों नहीं

आग से झुलसे गंभीर पेशेंट्स का मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में उपचार होता है। लेकिन विडंबना है कि यहां पर जेनरेटर की व्यवस्था ही नहीं है। शासन स्तर पर एसी लगाए गए हैं, लेकिन बिजली न होने पर यह भी किसी काम के नहीं रह जाते। सूत्रों का तो ये भी कहना है कि तीमारदार पेशेंट्स को गर्मी से निजात दिलाने के लिए खुद ही कूलर और पंखा लगा रहे हैं, ताकि मरीजों को तपिश से राहत दी जा सके।

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मौत की सूचना पर परिजनों का फट गया कलेजा

कुशीनगर जिले के पन्ने लाल की पत्नी प्रियंका दो दिन पहले आग से झुलस गई थी। परिवार के लोग उसे मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में एडमिट कराया था। जहां उसका इलाज चल रहा था। मंगलवार को अचानक बिजली गुल हो गई। इस बीच वह जलन और दर्द से कराह रही थी। हालांकि उपचार किया गया लेकिन कुछ ही पल में उसकी सांसे थम गई। जैसे ही फैमिली मेंबर्स को इसकी जानकारी हुई तैसे ही रोने और चिल्लाने की आवाज पूरे परिसर में सुनाई देने लगी।

तीन दिन पहले भी हुआ था विवाद

गगहा के रहने वाले देवेंद्र मिश्रा की बेटी रागनी पिछले हफ्ते से ही बर्न वार्ड में एडमिट थी। उसका इलाज चल रहा था। इसी बीच बर्न वार्ड की बत्ती गुल हो गई। इस पर नाराज पिता देवेंद्र लिखित रूप से ट्रामा सेंटर के ईएमओ से इसकी शिकायत की और जेनरेटर से कनेक्शन देने की मांग की थी। इससे इनकार करने पर उसने जमकर हंगामा किया था। इतना ही नहीं उसने अपने मोबाइल फोन से प्राचार्य के पास कॉल कर इसकी जानकारी दी। लेकिन इसके बावजूद कुछ भी नहीं हुआ। आखिरकार तीन दिन पहले उसकी बेटी की मौत हो गई।

वर्जन

बर्न वार्ड में अलग से जनरेटर कनेक्शन देने के लिए तैयारी की जा रही है। जल्द ही समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा।

डॉ। एके श्रीवास्तव, कार्यवाहक एसआईसी

Posted By: Inextlive