गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में अगर इलाज कराने जा रहे हैं तो पानी की बोतल जरूर साथ ले जाएं. हो सकता है सरकारी अस्पताल में आपको पेयजल के लिए हलकान होना पड़े.


गोरखपुर (ब्यूरो)।जी हां यह सच है। भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए सरकारी अस्पतालों में मरीज परेशान है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल में आरो प्लांट दगा दे गए हैं। बीआरडी में पेयजल की किल्लत


1750 बेड वाले बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर के पास दान के वाटर कूलर से मरीज और अटेंडेंट अपनी प्यास बुझा रहे हैं। ज्यादा भीड़ होने की वजह से डेली पानी भरने के लिए लंबी कतार लग जाती है। आए दिन विवाद होता है। वहीं, अस्पताल के पूछताछ काउंटर के पास लगा वाटर कूलर पूरी तरह से जर्जर है। वाटर कूलर के ऊपर और नीचे से पानी गिरता रहता है। वहीं, अस्पताल के पोस्ट ऑफिस के बगल में पानी की टंकी बंद है। अभी तक उसे ठीक नहीं कराया जा सका है। पर्ची काउंटर और वार्ड के पास एक भी वाटर कूलर नहीं है। कुछ जगहों पर बेसिन की टाइल्स टूट चुकी है और उसमें लगी कुछ टोटियां गायब हैं तो कुछ जुगाड़ के सहारे हैं। बता दें, मेडिकल कॉलेज के अंदर और बाहर कैंटीन में डेली करीब दो से तीन हजार पानी की बोतलें बिकती हैं। नेहरू चिकित्सालय में पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने से पेशेंट्स के साथ अटेंडेंट भी पानी खरीद कर पी रहे हैं। वार्ड में न तो वाटर कूलर लगे हैं और न ही आरो प्लांट सिस्टम। 1750 बेड का है बीआरडी मेडिकल कॉलेज 5000 की ओपीडी डेली जिला अस्पताल में आरो प्लांट खराब 300 बेड वाले जिला अस्पताल में भी पेयजल का संकट है। इस अस्पताल की ओपीडी में डेली 1800 पेशेंट पहुंचते हैं। अस्पताल में करीब 800 डॉक्टर व कर्मचारी हैं। अस्पताल इमरजेंसी के पास लगा आरो प्लांट पिछले महीने से खराब है। यह गर्म पानी दे रहा है। जबकि न्यू बिल्डिंग के पास एक वाटर कूलर है। लेकिन वह समय-समय पर नहीं चलता है। ज्यादातर मरीज बाहर से पीने का पानी खरीदने को मजबूर हैं। 300 बेड का है जिला अस्पताल 1800 की ओपीडी डेली महिला अस्पताल में आरो प्लांट और हैंडपंप खराब

महिला अस्पताल में 300 बेड हैं। यहां भी पेयजल का संकट है। अस्पताल की ओपीडी में डेली 500 मरीज आते हैं। ओपीडी में पीने के पानी का इंतजाम नहीं है। अस्पताल के लेबर रूम के बगल में बना आरो प्लांट और इंडिया मार्का हैंडपंप खराब है। मरीज पीने के पानी की तलाश में 100 बेड वाले मेटरनिटी विंग में जाते हैं। यहां कार्यदायी संस्था ने टॉयलेट के पास वाटर कूलर लगा दिया है। जहां से मरीज या तीमारदार पीने का पानी लेने से हिचक जाते हैं। 300 बेड का है महिला अस्पताल 500 की ओपीडी डेली अस्पताल के बाहर सजीं पानी की दुकानें जिला अस्पताल व महिला अस्पताल के गेट पर पीने के पानी का धंधा जोरों से चल रहा है। दोनों अस्पतालों के बाहर पानी बेचने वाली दो दर्जन दुकानें हैं। इन दुकानों पर बोतल बंद और पाउच में पानी की बिक्री हो रही है। मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय इमरजेंसी के बाहर केवल एक वाटर कूलर है। अन्य जगहों पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से परेशानी होती है। सुंदर यादव, देवरिया अस्पताल में लगा आरो प्लांट खराब है। टोटियों से गर्म पानी निकलता है। प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। सत्येंद्र यादव, देवरिया पेयजल की लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। शुद्ध पेयजल के लिए मरीज के साथ आए अटेंडेंट की परेशानी का सामना करना पड़ता है। राम सिंह, मोजड़ी गोरखपुर जल्द ही पेयजल का इंतजाम कराया जाएगा। खराब आरो प्लांट की मरम्मत होगी। साथ ही जहां गड़बड़ी है। उसे ठीक कराया जाएगा। डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल

इमरजेंसी के पास एक वाटर कूलर है। वार्डों के पास कुछ वाटर कूलर लगे हैं, उनकी मरम्मत कराई जाएगी। साथ ही बेसिन की टोटियों को भी दुरुस्त कराया जाएगा। डॉ। राजेश कुमार राय, एसआईसी बीआरडी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive