- जिला महिला अस्पताल का मामला

- लैब टेक्नीशियंस को हटाए जाने से खड़ी हुई मुसीबत

- सिर्फ एचआईवी की हो रही जांच, अन्य के लिए मरीज जा रहे बाहर

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल के जिम्मेदारों की मनमानी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। यहां के पैथोलॉजी से अचानक हेल्थ एंप्लॉइज को हटाए जाने से जांच पर संकट गहरा गया है। इसके चलते ब्लड टेस्ट के लिए गुरुवार को यहां पहुंचीं गर्भवती महिलाओं का सिर्फ एचआईवी टेस्ट ही हो सका। अन्य जांच के लिए उन्हें मजबूरन बाहर जाना पड़ा।

मुफ्त जांच पड़ी महंगी

गुरुवार की सुबह छह बजे से ही जिला महिला अस्पताल की पैथोलॉजी में गर्भवती महिलाओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। यहां पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि जांच करने वाले टेक्नीशियन ही नहीं हैं। इस दौरान मरीजों का सिर्फ एचआईवी टेस्ट ही किया गया। अन्य जांच के लिए कर्मचारियों ने मना कर दिया। फिर भी सैकड़ों मरीज पैथोलॉजी के सामने दरवाजा खुलने का घंटों इंतजार करते रहे। लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। मजबूरन मरीजों को अन्य जांच के लिए बाहर जाना पड़ा। इसके चलते पैथोलॉजी में फ्री में होने वाली जांच लोगों को प्राइवेट पैथोलॉजी में 500 से 1000 रुपए तक देकर करानी पड़ी।

सीएमओ ने हटा दिए टेक्नीशियन

बता दें, जिला महिला अस्पताल की पैथोलॉजी में हर रोज 350 से 400 मरीजों की ओपीडी होती है। वहीं जांच के लिए 80 से 90 गर्भवती महिलाएं पहुंचती हैं। जिला महिला अस्पताल के पैथोलॉजी में टेक्नीशियन की कमी को देखते हुए सीएमओ की ओर से तीन लैब टेक्नीशियन को यहां की पैथोलॉजी से अटैच किया गया था। इनमें रेग्युलर एलटी बलदेव की तैनाती हरनही स्वास्थ्य केंद्र पर थी। साथ ही पुनीत और दिलीप हेल्थ पोस्ट पर तैनाती थे। लेकिन उन्हें यहां अटैच किया गया था। वहीं यहां तैनात रहे लैब टेक्नीशियन बीबी सिंह कुछ दिन से अवकाश पर चल रहें हैं। इन तीन टेक्नीशियंस के भरोसे यहां का कार्य चल रहा था। लेकिन गुरुवार को अचानक सीएमओ ने आदेश कर तीनों कर्मचारियों को वापस बुला लिया। जिसके चलते मरीजों की जांच पूरी तरह ठप हो गई।

कोट्स

पैथोलॉजी सेंटर पर सुबह छह बजे ही आ गई थी। लेकिन यहां पर कर्मचारी न होने का हवाला देते हुए लौटा दिया गया।

- रेखा, गोलघर

भीड़ से दिक्कत न हो इस लिए अपनी सास के साथ सुबह ही पहुंच गई थी। सिर्फ एचआईवी टेस्ट हुआ। अन्य जांच के लिए बाहर जाना पड़ा, जहां काफी पैसे खर्च हुए।

- गुडि़या, रेलवे बौलिया कॉलोनी

सीढि़यां चढ़कर पैथोलॉजी में पहुंची। यहां काफी भीड़ थी। जब सेंटर के पास पहुंची तो यह कह कर लौटा दिया गया कि कर्मचारी नहीं हैं।

- सुमैया खातून, घंटाघर

दो दिन पहले ही डॉक्टर ने टेस्ट लिखा था। जांच के लिए पहुंची तो कहा गया कि जांच का समय खत्म हो गया है, दूसरे दिन आना। जब दूसरे दिन समय पर पहुंची तो मायूसी ही हाथ लगी।

पूजा, रसूलपुर

पिछले तीन दिन में इतनी जांच

सोमवार 400

मंगलवार 500

बुधवार 450

वर्जन

जिला महिला अस्पताल से अटैच रेग्युलर कर्मचारियों को हटाने का आदेश आया है। उनकी जहां तैनाती है वहां भेजा जा रहा है। यदि डिमांड हुई तो संविदा हेल्थ एंप्लाइज को भेजा जाएगा।

- डॉ। रविंद्र कुमार, सीएमओ

डिमांड एक दिन पहले ही भेज दी गई है लेकिन कर्मचारियों को नहीं भेजा गया। इसके चलते दिक्कत हुई है। जल्द ही समस्या का दूर कर लिया जाएगा।

डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी महिला अस्पताल

Posted By: Inextlive