जिंदगी पर मंडरा रहा सीढि़यों का खतरा
-जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जान से खिलवाड़
-नियमों को ताक पर रखकर फर्स्ट फ्लोर पर बना दी पैथोलॉजी - सीढि़यां चढ़कर जांच के लिए जाना बना मजबूरी GORAKHPUR: जिम्मेदार लाख दावे कर लें, लेकिन जिला महिला अस्पताल के लापरवाही भरे रवैये में बदलाव नहीं आ सकता। आए दिन होने वाली परेशानियों के बीच मरीजों के लिए यहां एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। गर्भवतियों की जांच के लिए पैथोलॉजी बनाने में अस्पताल प्रशासन ने घोर लापरवाही बरती है। नियमत: ग्राउंड फ्लोर पर बनने वाली पैथोलॉजी फर्स्ट फ्लोर पर बना दी गई है। जिसके चलते गर्भवतियों को मजबूरन सीढि़यां चढ़कर जांच के लिए जाना पड़ रहा है। िजंदगी से हो रहा खिलवाड़जिला महिला अस्पताल की ओपीडी का निर्माण करीब चार साल पहले हुआ था। समय के साथ यहां की बिल्डिंग कमजोर हो गई। उसके बाद एनएचएम ने दोबारा नई डबल स्टोरी बिल्डिंग तैयार की। लेकिन नई बिल्डिंग में अस्पताल प्रशासन ने पैशोलॉजी को फर्स्ट फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया। इसके चलते गर्भवतियों को सीढि़यां चढ़कर जरूरी जांचों के लिए जाना पड़ता है। जबकि नियमों के मुताबिक गर्भवतियों के लिए पैथोलॉजी ग्राउंड फ्लोर पर ही होनी चाहिए। हद तो ये है कि जिला महिला अस्पताल की बिल्डिंग की सीढि़यां भी मानक के अनुरूप नहीं बनी हैं। वहीं, मरीजों को हो रही इस परेशानी पर जिम्मेदार जल्द परेशानी दूर होने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं। एसआईसी एके गुप्ता का कहना है कि ओपीडी के सामने ही जांच कलेक्शन रूम बनाया जाना है जिसकी तैयारी चल रही है।
अस्पताल के आंकड़े - हर रोज जिला महिला अस्पताल के पैथोलॉजी में 250 से 300 महिलाओं की जांच होती है। - अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या ओपीडी 370 एडमिट 20 नार्मल प्रसव 13 ऑपरेशन 06 ऐसे बरतें सावधानी - प्रेग्नेंसी के समय भारी चीजें ना उठाएं। - सीढि़यां चढ़ना एवॉइड करें। - यदि गर्भवती महिलाओं को ब्लीडिंग की परेशानी हो तो कहीं आने-जाने में परहेज करें। - गर्भवती महिलाओं के लिए जांच कलेक्शन हाउस नीचे होना चाहिए। कोट्ससात माह का गर्भ है। जांच के लिए सीढि़यां चढ़कर पैथोलॉजी पहुंची। जहां एक कर्मचारी ने बताया कि समय खत्म हो चुका है, जांच नहीं हो पाएगी। इसके बाद किसी तरह से सीढि़यों से नीचे उतरी। इस बीच काफी परेशानी हुई।
- रेनू यादव, खोराबार ओपीडी में डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद उन्होंने जांच कराने को कहा। जब जांच के लिए सीढि़यां चढ़कर ऊपर पहुंची तो वहां से वापस कर दिया गया। ऐसे में काफी दिक्कत हुई। - बीना, मोहरीपुर वर्जन ओपीडी के सामने ही जांच कलेक्शन रूम बनाया जाना है। इसकी तैयारी चल रही है। जल्द मरीजों को सुविधा मिलने लगेगी। - डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी जिला महिला अस्पताल