एक झटके में ढाई मंथ की प्लानिंग ध्वस्त
- रेलवे की ट्रेंस कैंसिल होने से पैसेंजर्स रहे परेशान
- कोई अल्टरनेट ऑप्शन न होने की वजह से टिकट लेने में हुई मशक्कत और घंटों लाइन लगना हुआ बर्बाद - हजारों पैसेंजर्स को फेस करनी पड़ी प्रॉब्लमGORAKHPUR : रात की नींद और दिन का चैन हराम करने के बाद काफी मशक्कतों से मुंबई जाने का टिकट हासिल हुआ। रात से टिकट के लिए लाइन में लगे और करीब 10 घंटे से ज्यादा जद्दोजहद के बाद किसी तरह से मुंबई का रिजर्वेशन मिला। मगर एक छोटी सी घटना ने ढाई मंथ पहले की इस मेहनत और प्लानिंग को ध्वस्त कर दिया। कंफर्म टिकट के बाद भी सफर न कर सके। अब क्या करें? कैसे मुंबई जाएं? किसी भी ट्रेन में अब टिकट मिलना मुमकिन नहीं है। वहीं तत्काल की कोशिश करना भी बेकार है, क्योंकि उसमें भी टिकट कंफर्म मिल जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं है। गोरखपुर जंक्शन पर यह अल्फाज इन दिनों हर घड़ी, हर वक्त सुनाई दे रहे हैं। मुंबई जाने की प्लानिंग किए बैठे मुसाफिरों पर रिले रूट इंटरलॉकिंग में लगी आग मुसीबत बन गई, जिसकी वजह से वह मुंबई जाने की जुगत मे स्टेशन के चक्कर लगा रहे हैं।
ढाई मंथ पहले निकालवाया था टिकटबाघागाड़ा से गोरखपुर जंक्शन पर पहुंचे सचिन की मानें तो रेलवे ने 1 अप्रैल से रिजर्वेशन के लिए नया सिस्टम शुरू किया, तो उस दौरान उन्होंने मुंबई के लिए टिकट लिया था। कंफर्म टिकट मिल जाने से उन्हें काफी खुशी हुई, लेकिन जब वह ट्रेन पकड़ने के लिए अपनी पत्नी के साथ गोरखपुर पहुंचे, तो उन्हें जोर का झटका लगा। उन्हें बताया गया कि 11016 कैंसिल है और उन्हें अपना टिकट वापस करना पड़ेगा। वह अपना टिकट कैंसिल कराकर रिफंड ले लें। मरता क्या न करता। काफी मशक्कतों के बाद जो 3 एसी का कंफर्म टिकट मिला था, वह भी किसी काम का नहीं रहा। इसकी वजह से उन्होंने दूसरा ऑप्शन तलाशना शुरू कर दिया।
कैंसिल करनी पड़ी जर्नीमुंबई के लिए स्लीपर का टिकट लेने वाले शमीम की मानें तो दो मंथ पहले उन्होंने अलग-अलग डेट के टिकट के लिए तीन बार कोशिश की। रात से ही लाइन भी लगाई, लेकिन उन्हें मुंबई का टिकट नहीं मिल पाया था। लगातार कोशिशों के बाद भी टिकट न मिलने पर उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कोशिश जारी रखी। चौथी बार कोशिश करने पर उन्हें एलटीटी का कंफर्म टिकट मिल गया। मगर फ्राइडे को जब वह गोरखपुर जंक्शन पहुंचा, तो पता चला कि एलटीटी भी कैंसिल हो चुकी है। वह देवरिया के आउटर में रहता है और वहां पेपर नहीं आता, जिसकी वजह से उसे ट्रेन कैंसिलेशन की जानकारी नहीं हो पाई। टिकट कैंसिल कराकर शमीम अपने घर को लौट लिया और जर्नी प्लानिंग कैंसिल कर दी।
16 जून को लगी थी आग मुंबई रूट पर इटारसी के पास रिले रूट इंटरलॉकिंग सिस्टम में 16 जून को आग लग गई थी। इसकी वजह से पूरी सिग्नलिंग व्यवस्था फेल हो गई। कई रेलवे का सेंट्रल प्वाइंट होने की वजह से डिफरेंट रूट अफेक्टेड रहे। इसमें एनई रेलवे में सबसे ज्यादा इफेक्ट मुंबई रूट पर पड़ा। गोरखपुर ही नहीं बल्कि लखनऊ से भी मुंबई के लिए जाने वाली बड़ी तादाद में ट्रेंस प्रभावित रहीं। रेलवे ने ट्रेंस को रूट डायवर्ट कर चलाया, लेकिन कई ट्रेंस को कैंसिल भी करना पड़ा। थर्सडे को गोरखपुर से चलने वाली 15018 दादर एक्सप्रेस, 12511 कोचीन और 11016 कुशीनगर एक्सप्रेस कैंसिल रहीं। फ्राइडे को 12541 गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस को भी कैंसिल कर दिया गया। इसकी वजह से पहले से प्लानिंग किए बैठे पैसेंजर्स को खासा झटका लगा। अभी बढ़ सकती है प्रॉब्लमरिले रूट इंटरलॉकिंग सिस्टम को ठीक करने का सिलसिला जारी है। रेलवे से जुड़े लोगों की मानें तो अभी इसको ठीक होने में करीब 3-4 दिन का वक्त लग सकता है। वह इसलिए कि आग लगने की वजह से पूरा सिस्टम जलकर खाक हो चुका है। इसकी वजह से आगे भी ट्रेंस के डायवर्जन और कैंसिलेशन से इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले तीन दिन से ट्रेंस लेट, डायवर्ट और कैंसिल की मुसीबत से दो-चार हो रहे रेलवे पैसेंजर्स को अभी 3-4 दिन और इंतजार करना पड़ेगा। गोरखपुर से मुंबई जाने वाली करीब 4 ट्रेंस अब तक कैंसिल की जा चुकी हैं, वहीं दो दर्जन से ज्यादा ट्रेंस के रूट डायवर्ट किए गए हैं। इससे हजारों पैसेंजर्स परेशान हुए हैं।