सरकार! गोरखपुर के बस वालों को जेल भेज ही दीजिए
(सुनील त्रिगुणायत)। UP51AT1429 बस्ती डिपो की बस में ठूंस-ठूंस कर यात्री भरे हुए थे, जो भीषण गर्मी के बीच सफर करने को मजबूर दिखे। UP33AT4394 झांसी डिपो की बस में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई गई थीं। यही हाल रोडवेज की कई बसों में देखने को मिला, जो क्षमता से अधिक सवारी भर के चल रही थीं। बैठा रहे हैं अधिक सवारी
रोडवेज का दावा है कि उनके पास पर्याप्त बसें हैं। भीड़ को देखते हुए लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, प्रयागराज, वाराणसी आदि रूटों पर समय से बसों को रवाना किया जा रहा है। महराजगंज जिले की शिकारपुर की रहने वाली आरती देवी ने बताया कि कमाई के चक्कर में प्राइवेट बसें सीट से अधिक सवारी बैठा रहे हैं। इस वजह से परेशानी होती है। रामकुमार ने बताया कि लोकल रूटों पर रोडवेज की बसें नहीं चलती हैं, जिसकी चलते प्राइवेट बस में सवार होना पड़ता है। अधिक सवार बैठाने का विरोध करने पर ड्राइवर और खलासी विवाद करने लगते हैं। डग्गामार बसों के साथ-साथ रोडवेज की बसों में भी क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाया जाता है, क्योंकि इससे कमाई बढ़ती है। पब्लिक को क्या परेशानी हो रही है इससे इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।शाम्भवी मिश्रा, पैसेंजर
रोडवेज बसों में हमेशा ऐसा ही होता है। जब तक ठूंस के भर नहीं लेते हैं, तब तक स्टैंड से हिलते नहीं हैं। इस भीषण गर्मी में यात्रियों को भीड़ की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।अरुण यादव, पैसेंजरबसों में सुरक्षित सफर के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। क्षमता से अधिक सवारियां लेकर चलने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन फैक्ट फिगरगोरखपुर डिपोनिगम बस- 84अनुबंधित बस- 300राप्तीनगर डिपोनिगम बस- 60अनुबंघित बस- 50