- यूजी में न्यू एडमिशन लिए स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के बीच दीक्षा भवन में ऑर्गनाइज हुआ सेमिनार

- मीटिंग के दौरान टीचर्स ने पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को किया संबोधित

GORAKHPUR: स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और टीचर्स से भरा ऑडिटोरियम। चेहरे पर अपनी यूनिवर्सिटी के बारे में जानने की ललक और दिमाग में उमड़ रहे सवालों के जवाब हासिल करने की उत्सुकता, यह नजारा गोरखपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षा भवन में देखने को मिला। मौका था यूनिवर्सिटी में ऑर्गनाइज दूसरे पेरेंट्स-टीचर्स सेमिनार का। जिसमें स्टूडेंट्स को उनके सवालों का जवाब मिला, तो वहीं पेरेंट्स को अपनी यूनिवर्सिटी से जुड़ी इंफॉर्मेशन मिली। तीन घंटे से ज्यादा चले इस प्रोग्राम में जहां यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने अपनी प्रियॉरिटीज शेयर कीं, वहीं स्टूडेंट्स ने भी अपनी प्रॉब्लम और एक्सपीरियंस शेयर किए। इस दौरान शॉर्ट फिल्म में स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स यूनिवर्सिटी से रूबरू हुए।

दूरियां कम करना प्रोग्राम का मकसद

प्रोग्राम के दौरान पेरेंट्स और स्टूडेंट्स से रूबरू होते हुए वीसी प्रो। अशोक कुमार ने कहा कि इस प्रोग्राम का पहला मकसद स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी के बीच दूरियों को कम करना है। स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को अगर कोई प्रॉब्लम है तो आकर शेयर कर सकते हैं। उन्होंने पेरेंट्स को भी जिम्मेदारी का अहसास दिलाते हुए कहा कि स्कूल के दौर में जब बच्चे के ऊपर बोझ होता है, तो उस दौरान तो पेरेंट्स काफी सख्ती बरतते हैं, लेकिन ज्यों-ज्यों बच्चा आगे बढ़ता जाता है, पेरेंट्स उनसे इंटरैक्शन कम करते जाते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। स्कूल हो या कॉलेज, पेरेंट्स को बच्चों से इंटरैक्शन बेहद जरूरी है, जिससे वह राह भटकने से बच जाते हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही विज्ञान संचार भवन में ई-सेन्टर की स्थापना की जायेगी। जिससे उन्हे अपने ऑनलाइन अप्लीकेशन के लिए स्टूडेंट्स को साइबर कैफे की दौड़ नहीं लगानी होगी।

दीप प्रज्जवलन के साथ हुई शुरुआत

प्रोग्राम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। यूनिवर्सिटी की फाइन आ‌र्ट्स एंड म्यूजिक की स्टूडेंट्स ने कुल गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ। सुधीर श्रीवास्तव ने प्रोग्राम की आउटलाइन पेश की और गेस्ट्स का वेकलम किया। उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों की लगनशीलता का परिणाम है कि हमें पूर्वी क्षेत्र युवा महोत्सव, राष्ट्रीय युवा महोत्सव और राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में उच्च स्थान प्राप्त हुआ और हमारे विश्वविद्यालय की सार्थक उपस्थिति दर्ज हुई। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी पर बेस्ड डॉ। हर्ष कुमार सिन्हा की डायरेक्ट की गई डॉक्युमेंट्री चलाई गई। इसमें समस्त संकायों राष्ट्रीय सेवा योजना, एन.सी.सी., क्रीड़ा परिषद, डेलीगेसी, रोवर्स रेंजर्स एवं प्रॉक्टोरियल बोर्ड से सम्बन्धित जानकारी दी गई।

अभिभावक ने पूछे सवाल

अधिष्ठाता, वाणिज्य संकाय, प्रो। पी.सी। शुक्ल ने एक सत्य दृष्टान्त का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि अभिभावक और शिक्षक मिलकर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करें तो अभिभावकों को मन चाहे परिणाम मिल सकते हैं। अभिभावकों के तरफ से दिलीप कुमार पाण्डेय ने सत्र नियमन, समय से परीक्षाफल घोषित करने एवं समय से कक्षाएं प्रारम्भ कराने के लिए कुलपति महोदय के प्रयत्नों की सराहना की। उन्होंने कैंपस में इलेक्ट्रानिक गैजट्स पर बैन लगाने का अनुरोध भी किया। अभिभावक प्रतिनिधि के रूप में श्रीमती सुनीता भारद्वाज ने भी वर्तमान परिदृश्य में विश्वविद्यालय के क्रिया कलापों के प्रति संतोष व्यक्त किया। छात्र प्रतिनिधि के तौर पर बीकॉम प्रथम वर्ष के गौरव जायसवाल और बीबीए प्रथम वर्ष की सुष्मिता मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। सम्मेलन का संचालन एडीएसडब्लू डॉ। विनीता पाठक ने किया। इस दौरान यूनिवर्सिटी के टीचर्स, स्टूडेंट्स और पेरेंट्स मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive