गांवों में लगे टावरों पर भी ढीली होगी जेब
- जिला पंचायत लगाएगा टावर पर लाइसेंस शुल्क
- प्रत्येक टावर पर देने होंगे 20 हजार रुपए - 19 मार्च को आम सभा की बैठक मिलेगी स्वीकृत GORAKHPUR: ग्रामीण अंचल में लगे मोबाइल टावरों पर भी अब प्रत्येक साल लाइसेंस शुल्क लगेगा। इसके लिए जिला पंचायत ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। शासन के निर्देश पर जिला पंचायत ने अपने फील्ड के अफसरों को ग्रामीण अंचल में लगे मोबाइल टावरों की गिनती करने का आदेश कर दिया है। 19 मार्च को जिला पंचायत की आम सभा की होने वाली बैठक में इस बिंदु पर मोहर लगाते ही वित्तीय वर्ष 2016-17 में इनको लाइसेंस शुल्क जमा करने के लिए नोटिस जारी कर दी जाएगी। मिलेंगे लगभग दो करोड़जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि अभी लाइसेंस शुल्क की धनराशि का निर्धारण नहीं हुआ है, लेकिन अधिकतम 20 हजार और न्यूनतम 10 हजार रुपए प्रति टावर शुल्क निर्धारित करने की तैयारी की जा रही है। जिला पंचायत के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले के गांवों में लगभग एक से डेढ़ हजार टावर लगे हुए हैं। इन पर लाइसेंस शुल्क लगने के बाद जिला पंचायत को प्रत्येक साल एक से दो करोड़ रुपए एक्स्ट्रा आय की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि यह धनराशि जिला निधि में जमा हो जाएगी और यह पैसा जिला पंचायत स्थापना कार्यो (जिला पंचायत कर्मचारियों का वेतन व ऑफिस खर्च) और जिले के विकास कार्यो (शौचालय, नाला और पुलिया आदि के निर्माण) पर खर्च होगा।
सिर्फ तहबाजारी होती थी आय जिला पंचायत अभी तक आय के स्रोत अभी तक परंपरागत थे। जिले में लगने वाले मेला, नुक्कड़ बाजार, पशु बाजार, व ग्रामीण अंचल में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों से तहबाजारी के रूप में शुल्क की वसूली करता है। संतोष कुमार सिंह का कहना है कि सालों पहले जिले में तहबाजारी वसूली का प्रचलन है। यह वसूली आज भी हो रही है। पहले से निर्धारण होने की वजह से शुल्क इतना कम है कि जिला पंचायत के बजट में इस तहबाजारी से वसूले पैसे से कोई भी विकास कार्य नहीं हो पाता। अब इस नए आदेश के बाद जिला पंचायत के आय बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है। शहरी और टाउन एरिया के हिस्से को छोड़कर बाकी में जितने मोबाइल टावर लगे हैं, उन सभी टावरों से लाइसेंस शुल्क जमा कराया जाएगा। जिला पंचायत के कर निरीक्षक व कर संग्रह कर्ताओं को ग्रामीण अंचल में लगे टावरों की गिनती करने के लिए आदेशित कर दिया गया है।संतोष कुमार सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत