- सिटी में कहीं विभागों की लापरवाही से खुले मेन होल बन जाते हैं दुर्घटना का सबब तो कभी अपनी भी लापरवाही से टकरा जाते हैं लोग

- सही तरीके से हो निर्माण और पब्लिक भी नियम से चले तो हादसों से मिल सकती है निजात

GORAKHPUR: किसी भी सिटी में एंट्री के साथ ही रोड उसके विकास की कहानी कह देती है। वहीं कई बार सिटी में एंट्री के साथ ही गाडि़यां हिचकोले लेने लगती हैं और रोड पर बने गड्ढों से बचकर निकलने की नौबत आ जाती है तब बिना घूमे ही सिटी की इमेज दिमाग में गलत बनने लगती है। बात अपनी सिटी की करें तो यहां भी एंट्री हिचकोले से ही होती है। कहीं अधूरा निर्माण है तो कहीं निर्माण हुआ है तो ऐसा कि आप यदि सजग न रहें तो रोड पर बिजली के खंभों से ही टकरा जाएंगे। इसलिए अपने शहर में तो जरा संभलकर ही चलिए। हां, यदि आप आवाज उठाएं तो जिम्मेदार जगेंगे और सिटी की सूरत संवर सकती है। इसके लिए पब्लिक और एडमिनिस्ट्रेशन दोनों के अवेयर होने की जरूरत है।

केस नंबर 1

21 दिसंबर को महराजगंज से राजेश कुमार यादव सूरजकुंड ओवरब्रिज से शहर में एंट्री ले रहे थे। अचानक मोड़ आने के कारण बैलेंस खो दिए और ओवरब्रिज की दूसरी तरफ के दीवार से टकरा गए। गनीमत थी कि सिर्फ हाथ में चोट आई। उन्होंने बताया कि यहां पर यदि साइन बोर्ड लगा होता तो वे पहले ही अलर्ट हो जाते।

केस नंबर 2

नवंबर माह में एक रात बारिश हुई थी। स्ट्रीट लाइट बंद थी और बशारतपुर के रहने वाले धर्मेद्र सिंह अपनी रफ्तार में जा रहे थे। रोड पर नाले का होल खुला होने के कारण अचानक गाड़ी उसमें फंस गई। पूरी रात उनकी गाड़ी नाली में पड़ी रही। सुबह दो हजार रुपए खर्च करके क्रेन लेकर आए तब गाड़ी निकली। फिर गाड़ी बनवाने में भी ढाई हजार खर्च हो गए।

यहां क्रॉसिंग पर टूटी है नाली

बेतियाहाता आवास विकास कॉलोनी के बंटी मैरेज हाल से मुंशी प्रेमचंद पार्क की तरफ जाने वाला मेन रोड 20 फीट चौड़ा है। जहां यह रास्ता मेन रोड में मिलता है, उस जगह पर क्रॉस चौड़ी नाली है। क्रास नाली पर पिछले तीन माह से बीच का पत्थर टूटा हुआ है। तीन दिन पहले यहां पर एक कपल स्कूटी से गिर गया था, जिसके कारण पुरुष का हाथ टूट गया है।

उल्टी चलने लगती है पब्लिक

उल्टा चलाना हमेशा खतरनाक होता है। यह देखना हो तो धर्मशाला ओवरब्रिज से गोलघर काली मंदिर की तरफ चढ़ने और उतरने वाले लोगों को देखा जा सकता है। यहां लोग जैसे ही मुड़ते हैं, अचानक गड्ढा पड़ जाता है और जाम की समस्या बन जाती है। जाम तो डेली लगता है, लेकिन कई बार दुर्घटना भी हो जाती है।

अधूरा काम बन जाता है

नगर निगम हो या जीडीए, शहर में डेवलपमेंट के नाम पर कुछ ऐसा कर देते हैं कि वहां एक्सीडेंट प्वाइंट बन जाता है। पिछले छह माह से छात्र संघ चौराहा और रेलवे स्टेशन पंजाबी ढाबा के पास नाला अधूरा छोड़ दिया है। शहर में एक दो नहीं बल्कि दर्जनों ऐसे स्थान हैं जहां दोनों विभाग के कारण काम अधूरे पड़े हैं और उस वजह से हादसे होते रहते हैं।

यह हो इंतजाम तो बच सकेगी जान

- चौराहों पर गोलंबर का निर्माण हो।

- लोगों को सही साइड से चलने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।

- रोड के किनारे नालों के किनारे दीवार का निर्माण किया जाए।

- चौराहों पर होने वाले निर्माण कार्य तेजी से किए जाएं और अधूरे न छोड़े जाएं।

- रोड पर गोदाम न बनाया जाए।

- निर्माण कार्य के नाम पर रोड को खोदकर न छोड़ दिया जाए।

- रोड पर रेडियम स्टीकर लगे साइन बोर्ड लगाए जाएं।

- अंधे मोड़ पर स्पीड ब्रेकर और साइन बोर्ड लगाए जाएं।

- भीड़ वाले एरिया में चिन्हित करके साइन बोर्ड लगाए जाएं।

और यहां पब्लिक करती गलती

- कूड़ाघाट तिराहा

- मोहद्दीपुर चौराहा

- पैडलेगंज

- कचहरी चौराहा

- इंदिरा बाल विहार

- गोलघर काली मंदिर

- धर्मशाला ओवरब्रिज चढ़ते समय

- धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे

- असुरन चौराहा

- बशारतपुर चौराहा

- खजांची चौराहा

- विजय चौराहा

- बक्शीपुर

- टाउनहाल चौराहा

यहां लापरवाही से एक्सीडेंट प्वाइंट

- मेडिकल रोड के किनारे के नाले

- सिटी माल के सामने कॉर्मल रोड

- बेतियाहाता में बंटी मैरेजहाल के पास

- मुंशी प्रेमचंद पार्क के किनारे का कच्चा नाला

- पैडलेगंज से नौसड़ रोड

- जुबिली रोड के किनारे के नाले

- एक मिनारा मस्जिद के पीछे

- ऊंचवा का नाला

- गोरखनाथ ओवरब्रिज का अंधा मोड़

- सूरजकुंड ओवरब्रिज का अंधा मोड़

- दुर्गाबाड़ी चौराहा का नाला

- तरंग ओवरब्रिज से उतरने के बाद किनारे का नाला

कॉलिंग

शहर में लोगों को सिविक सेंस नहीं है। हर रोड पर लोग गलत साइड से चलने लगते हैं। यही हाल चौराहों पर होता है। जिससे वे एक्सीडेंट प्वाइंट में बदल जाते हैं।

अजय त्रिपाठी, प्राइवेट सर्विसमैन

प्रशासन को सड़क सही करानी चाहिए। नगर निगम हो या जीडीए, कहीं भी अधूरा निर्माण न छोड़ें और निर्माण के दौरान भी कॉशन बरतें। कई बार इनकी गलती से भी रोड या चौराहे एक्सीडेंट प्वाइंट बन जाते हैं।

केसी यादव, बिजनेसमैन

Posted By: Inextlive