CBSE News : केवल प्रैक्टिकल में फेल स्टूडेंट को नहीं देना होगा थ्योरी एग्जाम
गोरखपुर (ब्यूरो)।साथ ही बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट जो सिर्फ प्रैक्टिकल में फेल हो गए हैं, उन्हें इस साल थ्योरी एग्जाम नहीं देना पड़ेगा। गोरखपुर के सभी स्कूलों में नया सर्कुलर आ चुका है। जिसके अनुसार 6 से 20 जुलाई तक स्कूलों में प्रैक्टिकल एग्जाम ऑर्गनाइज कराया जाएगा। पहले देना होता था थ्योरी एग्जामसीबीएसई ने इस साल स्टूडेंट को थ्योरी से राहत दे दी है। पुराने नियम के अनुसार अभी तक जो स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल हो जाते थे। उनको प्रैक्टिकल के साथ थ्योरी एग्जाम भी देना होता था। जिसमें अब सीबीएसई की ओर से संशोधन किया गया है। स्कूल लेवल पर होगा प्रैक्टिकल
इंटर के रेग्युलर स्टूडेंट के प्रैक्टिकल उनके स्कूलों में ही कराए जाएंगे। वहीं जो स्टूडेंट किसी कारण प्रैक्टिकल एग्जाम में अब्सेंट हो गए, उन्हें भी पास होने के लिए एक अंतिम अवसर दिया जाएगा। इसमे प्रैक्टिकल में कम नंबर पाने वाले स्टूडेंट भी आवेदन कर सकते हैं। स्कूलों में आएगी सूचीबोर्ड द्वारा सभी स्कूलों को प्रैक्टिकल में फेल या अब्सेंट स्टूडेंट की एक सूची भी भेजी जाएगी। इसके बाद स्कूल खुद भी स्टूडेंट से संपर्क करेंगे। इसके अलावा स्टूडेंट खुद भी स्कूल जाकर दोबारा होने वाले प्रैक्टिकल एग्जाम में बैठने के लिए आवेदन कर सकते हैं। दसवीं को मिलेंगे स्कूलों से नंबर
दसवीं के स्टूडेंट जो किसी कारण प्रैक्टिकल में फेल हुए हैं, उन्हें स्कूल एग्जाम में सभी सब्जेक्ट में मिले नंबरों के आधार पर नंबर देगा। हाई स्कूल के स्टूडेंट का कोई एग्जाम नहीं कराया जाएगा। स्कूलों को ही उनके नंबर बोर्ड के वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। इस बार से केवल सप्लीमेंट्रीसीबीएसई की ओर से इस बार एक और संशोधन किया गया था। इस संशोधन के अनुसार इस साल से स्टूडेंट्स के लिए कंपार्टमेंट और एग्जाम का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसकी जगह पर बोर्ड की ओर से सप्लीमेंट्री एग्जाम कराया जाएगा। बोर्ड की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर बताया गया कि कंपार्टमेंट और एग्जाम का नाम बदलकर सप्लीमेंट्री एग्जाम किया गया है। बोर्ड ने स्टूडेंट हित में अच्छा फैसला लिया है। इस साल से प्रैक्टिकल में फेल और थ्योरी एग्जाम में पास हो चुके स्टूडेंट का राहत दी जा रही है। उन्हें अब केवल प्रैक्टिकल एग्जाम ही पास करना होगा। थ्योरी के अंक कैरी फॉरवर्ड हो जाएंगे। स्कूलों को ऐसे बच्चों की लिस्ट बनाकर बोर्ड को भेजनी है। इसके बाद बोर्ड एक्सटर्नल एग्जामिनर भी नियुक्त करेगा। जिसकी देखरेख में स्कूल में एग्जाम कराया जाएगा। - अजय शाही, अध्यक्ष, स्कूल एसोसिएशन गोरखपुर