- प्रशासन की लापरवाही के कारण हो रही जमाखोरी, इसकी वजह से लगातार बढ़ रहे हैं रेट

- फुटकर मार्केट में पचास के पार पहुंचा प्याज का भाव, अभी और बढ़ सकता है प्याज का दाम

- मूल्य बढ़ने से खुदरा और थोक मंडी में घटी प्याज की मांग

GORAKHPUR : काटने पर अक्सर आंखों में पानी लाने वाली प्याज ने लोगों को बिना कटे ही रुलाना शुरू कर दिया है। इसके नखरे इस कदर बढ़ गए है कि यह आम आदमी की प्लेट से दूर होती जा रही है। गोरखपुर मार्केट की बात करें तो महज हफ्ते भर में प्याज के रेट्स आसमान चढ़ने लगे हैं। इससे सेल तो डाउन हुई है, लेकिन इससे मुनाफे पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। चौंकिए मत, सेल डाउन होने के बाद भी मुनाफे में कमी न होने की वजह कुछ और नहीं बल्कि प्याज की जमाखोरी है। मार्केट में पर्याप्त प्याज होने के बाद कुछ शातिर प्याज को मार्केट में आने ही नहीं दे रहे हैं, जबकि उनके पास भरपूर स्टॉक मौजूद है। ऐसे में प्याज की कमी होने से उसके रेट्स बढ़ रहे हैं। ऐसा हम नहीं, बल्कि महेवा सब्जीमंडी से जुड़े लोग खुद बता रहे हैं। इतना ही नहीं। जमाखोर इस वक्त मार्केट में उस स्टॉक को बेच रहे हैं, जो उन्होंने कई हफ्ते पहले औने-पौने रेट्स पर खरीदा था। इसे प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही ही कहेंगे कि भरपूर मौजूदगी के बाद भी प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं।

15 से 20 रुपए वाली प्याज 50 रुपए में

जमाखोरी इस कदर बढ़ गई है कि थोक मार्केट में स्टॉक सामने नजर आ जाएंगे। मंडी से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इन शॉपकीपर्स ने उस दौरान प्याज स्टॉक की थी, जब इनके रेट्स 1500 से 2000 रुपए प्रति कुंतल थे। इस दौरान वह उसी प्याज को 3500 रुपए से 4000 रुपए प्रति कुंतल की दर से सेल कर रहे हैं। मार्केट में आते-आते इनके रेट्स और ऊपर चढ़ जा रहे हैं, जिससे इनकी कीमत 5000 रुपए प्रति कुंतल तक पहुंच जा रही है। ऐसे में आम आदमी 15 से 20 रुपए वाली प्याज 50 रुपए में परचेज कर रहा है। इसका साइड इफेक्ट यह है कि संडे को महेवा थोक मंडी में डेली 3 से 4 ट्रक बिकने वाले प्याज का आंकड़ा 2 ट्रक पर आकर थम गया।

जिम्मेदारों को कुछ और ही कहना

एक तरफ जहां जमाखोरी साफ नजर आ रही है, वहीं जिम्मेदार नासिक के बाजार से ही प्याज कम आने की बात कर रहे हैं। वहीं कुछ व्यापारी इसका बड़ा कारण बारिश न होना बता रहे हैं। व्यापारियों की मानें तो नासिक में ही प्याज की जमाखोरी हो रही है, जिससे सिटी में प्याज काफी कम आ रही है, जिससे इनके रेट्स बढ़ रहे हैं। वहीं मंडी से जुड़े सोर्सेज की मानें तो महेवा मंडी नासिक के एक बडे़ प्याज कारोबारी ने टेलिफोनिक बातचीत में बताया है कि अभी प्याज के भाव और बढ़ने का अंदेशा है। जमाखोर समय को ध्यान में रखकर प्याज का स्टाक करते हैं और थोड़ा करके निकालते रहते हैं।

प्याज के लिए नासिक पर डिपेंड है पूरा देश

ऐसे तो प्याज मध्यप्रदेश के रीवा और इंदौर से भी आती है लेकिन पूरा देश काफी हद तक नासिक पर ही डिपेंड रहता हैं। जमाखोर उसका भी फायदा उठाते हैं। महाराष्ट्र के पीपलगांव, लासलगांव, उमराना, अहमदनगर, अंडरसुल आदि से सेंटर्स से प्याज देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई होती है। वहीं रीवा और इंदौर की प्याज इन सेंटर्स के अलावा इलाहाबाद और बनारस के सेंटर्स से भी मंगाई जाती है।

नासिक मंडी में मूल्य बढ़ने कारण यहां भी प्याज महंगी हुई है, जिससे इसकी सेल भी कम हुई है। नासिक मंडी में ही जमाखोरी हो सकती है, क्योंकि इस समय पूरा देश को वहीं की प्याज पर डिपेंड रहता है।

कमलेश, प्याज कारोबारी

इन दिनों प्याज का मूल्य बढ़ने के कारण मांग काफी घट गई है। संडे को प्याज की बिक्री काफी कम हो गई है। सावन महीने में ऐसे भी लोग प्याज कम खाते हैं। उस पर ये महंगाई होने के कारण कम प्याज खरीद रहे हैं।

शमशाद, प्याज कारोबारी

नासिक की मंडियों में प्याज की जमाखोरी की खबरें आती हैं। गोरखपुर में अगर जमाखोरी होगी तो बिहार और नेपाल के फुटकर सब्जी कोराबारी कहीं और प्याज मंगा लेंगे, इसलिए यहां जमाखोरी की संभावना काफी कम है।

संजय शुक्ल, अध्यक्ष पूर्वाचल सब्जी-फल मंडी थोक विक्रेता कल्याण समिति

महेवा मंडी में किसी तरह की जमाखोरी की सूचना नहीं है। किसी भी सूरत में जमाखोरी नहीं होने दी जाएगी। मंडी समिति लगातार वॉच कर रही है। शिकायत मिलने पर तत्काल छापामार कर कार्रवाई की जाएगी।

सुभाष यादव, मंडी सचिव

Posted By: Inextlive