पुरानी यादों को संजोए जंक्शन पर इंस्टाल हुआ स्टीम इंजन
- वाईएल 5001 स्टीम इंजन का जीएम राजीव मिश्र ने किया अनावरण
- 1952 से 1956 के बीच बना इंजन 1994 से गोरखपुर वर्कशॉप में फांक रहा था धूल GORAKHPUR : छुक-छुक करती रेल गाड़ी के बारे में तो काफी सुना होगा। नई जनरेशन में इन्हें ट्रैक पर दौड़ते शायद ही किसी ने देखा हो। कई ऐसे भी होंगे जिन्होंने स्टीम इंजन देखा तक नहीं। स्टीम इंजन देखने की चाह रखने वालों को रेल एडमिनिस्ट्रेशन ने तोहफा दिया है। गोरखपुर जंक्शन पर पुरानी यादों को संजोए वाईएल सीरीज का 5001 स्टीम इंजन रेल हेरिटेज के तौर पर इंस्टाल किया गया। इसका अनावरण एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र ने फ्राइडे को किया। फर्स्ट 10 इंजन में से एक है वाईएल 5001गोरखपुर जंक्शन पर इंस्टाल वाईएल सीरीज के शुरुआती 10 इंजन 1952 से 56 के बीच बनाए गए। वाईएल 5001 उन्हीं 10 स्टीम इंजंस में से एक है। सीपीआरओ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि इस इंजन को इंग्लैंड के जॉर्ज स्टीफेंसन और हॉथोर्न ने क्रिएट किया था। उन्होंने बताया कि एनई रेलवे का पूरा एरिया मीटर गेज लाइन का था जिसकी वजह से यहां स्टीम इंजन का ही यूज होता था। इन इंजंस का यूज कम क्षमता की पैसेंजर ट्रेन को चलाने और शंटिंग के लिए किया जाता था। इन लोको की आफ्टर केयर रेलवे के चारबाग लोको शेड में होती थी।
1994 से फांक रहा था धूल रेलवे दिन ब दिन तरक्की कर रहा है। मीटर गेज को चेंज कर ब्रॉड गेज में लाने का काम भी काफी तेजी से चल रहा है। इस वजह से इंजंस का यूज बिल्कुल बंद हो गया। गोरखपुर की बात करें तो यहां गेज कनवर्जन के बाद डीजल इंजन का चलन बढ़ गया। वाईएल 5001 लास्ट वर्किंग लोको था, जो गेज कनवर्जन के बाद सर्विस से बाहर हो गया। सन 1994 से यह गोरखपुर रेलवे वर्कशॉप में धूल फांक रहा था, जिसके बाद नवागत जीएम राजीव मिश्र की पहल पर इसे हेरिटेज के तौर पर इंस्टाल किया गया है। इस दौरान डीआरएम अनूप कुमार के साथ रेलवे पीएचओडीज, ऑफिसर्स, एंप्लाइज और रेल पैसेंजर्स मौजूद रहे। रेलवे ने पुराने इंजन को धरोहर के तौर पर सबके सामने लाने की अच्छी पहल की है। इससे नई जनरेशन जिन्होंने स्टीम इंजन नहीं देखा है, वह इसे करीब से देख सकेंगे। - एसपी शुक्ला, रेल पैसेंजरइंजन लगने से गोरखपुर जंक्शन का नजारा और भी खूबसूरत हो गया है। इसे काफी पहले लगा देना चाहिए था, मगर देर आए दुरुस्त आए। इस तरह के कदम से हम पुरानी धरोहर से रूबरू हो सकते हैं।
- शहबाज अख्तर हाशमी, स्टूडेंट, डीडीयू वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर जाएं http://inextlive.jagran.com/video/in-GORAKHPUR-world-longest-platform-shines-with-heritage-steam-engine-201503130005