हमको तो पैसे से मतलब है
- बिजली विभाग के फील्ड अफसरों के पास आया फरमान
- 80 प्रतिशत पैसे का टारगेट वसूलने का दिया आदेश - टारगेट में जुटे अफसरों के कारण पब्लिक को हो रही परेशानी GORAKHPUR: बिजली विभाग के बिल वसूली के टारगेट अफसरों और पब्लिक के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। अफसर बिल वसूलने के लिए गली-गली घूम रहे हैं, तो पब्लिक बिल जमा करने के लिए बिजली विभाग का चक्कर लगा रही है। इस माह मिले नौ करोड़ रुपए के टारगेट को पूरा करने में अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। इसके चक्कर में वह मोहल्ले-मोहल्ले भटकर दर्जनों घरों की बत्ती गुल कर दे रहे हैं। वहीं पब्लिक अपने यहां आए गलत बिल, मीटर बदलने और नए कनेक्शन लेने के लिए ऑफिसों का चक्कर लगा रही है। शाम को दिख रहे अधिकारीबिजली विभाग के ऑफिसेज में अधिकारियों के चैंबर में कंज्यूमर्स की लाइन लगी रहती थी। इन दिनों वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसा नहीं कि किसी के बिल में कोई करेक्शन नहीं या फिर किसी को कोई प्रॉब्लम नहीं है। बल्कि इन दिनों वसूली के लिए अधिकारी फील्ड के चक्कर लगा रहे हैं, जिसकी वजह से दिन भर उनके केबिन में सन्नाटा पसरा रह रहा है। जब उनके उठने का वक्त हो रहा है, तो इस दौरान वह फील्ड से वापस ऑफिस पहुंच रहे हैं। ऐसे में कंज्यूमर्स को दिन भर इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि अधिकारी भागदौड़ में लगे हुए हैं।
टारगेट पर बड़े बकायदार बिजली विभाग के फील्ड के अफसर सुबह 10 बजे ऑफिस आ रहे हैं और 10.30 बजे टारगेट में चले जा रहे हैं। इस वक्त उनके टारगेट पर 10 हजार से ऊपर बकाए वाले लोग हैं, जिनसे वसूली करने के लिए अधिकारी मोहल्लों में घूम रहे हैं। पैसा जमा न करने की कंडीशन में ऐसे बकायदारों की तत्काल बिजली गुल कर दी जा रही है। दिन भर वसूली अभियान में लगे ऑफिसर्स जब शाम 4 बजे फील्ड से वापस आ रहे हैं, तो उसके बाद कंज्यूमर्स भी अपनी प्रॉब्लम सॉल्व कराने के लिए विभाग के ऑफिस पहुंच जा रही है। लेकिन उस समय जेई और एसडीओ के कंप्यूटर बंद हो जाने के कारण कोई भी काम नहीं हो पा रहा है। गलत बिल बढ़ा रहा परेशानीशहर में हर माह लगभग 15 से 20 हजार कंज्यूमर्स का बिल गलत आता है। यह कंज्यूमर्स हर माह बिजली विभाग में तीन से चार दिन चक्कर लगाते हैं, जिसके बाद बिल सही हो जाता है, लेकिन दिसंबर माह से शुरू हुई चेकिंग अभियान के बार कंज्यूमर्स को अनगिनत चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बावजूद इसके उनका बिल अब तक सही नहीं हो सका है। घासीकटरा के रहने वाले कादिर की मानें तो जिस बिल को दो-तीन दिन में ही सही हो जाना चाहिए, उसके लिए 10 से 12 दिन लग जा रहे हैं। वहीं मीटर बदलवाने के लिए पहुंचे संतोष कुमार ने बताया कि मीटर बदलवाने और और डुप्लिकेट बिल निकलवाले के लिए उन्हें विभाग के काफी चक्कर लगाने पड़े।
अभियान चलाया जा रहा है। प्रत्येक डिविजन में एसीडीओ और जेई के नेतृत्व में छह टीम निर्धारित की गई है। इनके एरिया में 10 हजार रुपए से अधिक के बकायदारों की लिस्ट दी गई है। अगर पब्लिक को कोई परेशानी हो रही है तो वह अप्लीकेशन दे दें, उनकी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी। आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम