गोरखपुर के स्कूलों में अब पढ़ाई के साथ उसमें खेल का तड़का भी लगाया जा रहा है. बकायदा सप्ताह में दो से तीन दिन 2 पीरियड में केवल स्टूडेंट खेल कूद एक्टिविटी में शामिल हो रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इस पहल से स्कूल बंक करने वाले स्टूडेंट भी अब रेग्युलर स्कूल आ रहे हैं। वहीं सभी स्टूडेंट फिटनेस बनाने के साथ पढ़ाई में भी उनका दिमाग शार्प हो रहा है। खेल-कूद पर दे रहे जोर


आरपीएम एकेडमी के डायरेक्टर अजय शाही ने बताया कि हर सेशन में एक समस्या आती है कि कुछ बच्चे स्कूल बंक मारते है। उन्हें बार-बार वार्निंग दी जाती है, इसके बाद भी स्कूल ना आना पड़े इसके लिए तरह-तरह का बहाना बनाते हैं। खेल-कूद तो स्कूल में पहले से होता रहा है, लेकिन पिछले सेशन से ही मैंने स्कूल में सप्ताह में दो दिन 2 पीरियड केवल खेल-कूद की क्लासेज चलाना शुरू किया। साथ ही बीच-बीच में अलग-अलग सेक्शन के बीच मैच भी ऑर्गनाइज कराया जा रहा है। इससे बच्चों के अंदर प्रतिस्पर्धा जगी वे जीतने के लिए मेहनत करने लगे। जो स्टूडेंट स्कूल बंक करते थे, अब वे भी रेग्युलर आ रहे हैं। साथ ही स्टूडेंट पढ़ाई में भी अब पहले से अधिक मन लगा रहे हैं। नेशनल कोच दे रहे ट्रेनिंग

सेंट पॉल स्कूल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमरीश चंद्रा ने बताया कि स्कूल में हमेशा से ही स्पोट्र्स को बढ़ावा दिया गया है। इसके लिए दिन और बच्चों की अलग डे्रस भी है। इस साल स्कूल से दो नेशनल खिलाडिय़ों को जोड़ा है। नेशनल खिलाड़ी टेनिस, बैडमिंटन, बास्केटबॉल समेत कई खेल की ट्रेनिंग बच्चों को दे रहे हैं। साथ ही प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की परख कर उनको खेल के क्षेत्र में आगे निकालने के लिए भी मेहनत कर रहे हैं। पढ़ाई के लिए फिटनेस अच्छी हो ये बहुत जरूरी है। स्कूल में इन गेम पर दिया जा रहा ध्यानक्रिकेट, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, बॉलीबॉल, हैंडबॉल, टेनिस, शतरंजखेल-कूद हर स्कूलों में होता रहा है। अब इसको और बढ़ावा देने की जरूरत है। स्कूल में स्पोट्र्स को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसका अच्छा रिजल्ट मिल रहा है।- अजय शाही, डायरेक्टर, आरपीएम एकेडमीस्पोट्र्स एक्टिविटी स्कूल में होती रहती है। स्कूल में स्टूडेंट को ट्रेनिंग देने के लिए दो नेशनल कोच रखे हैं। नेशनल कोच बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं, साथ ही उनमे अच्छे खिलाड़ी की भी तलाश कर रहे हैं।- अमरीश चंद्रा, एग्जीक्यूटिव प्रिंसिपलस्कूल में हमेशा कॉम्प्टीशन ऑर्गनाइज कराया जाता है। कोरोना के बाद जब बच्चे कई साल तक घरों में बंद रहे। ऐसे में अब स्पोट्र्स को और बढ़ावा देने की जरूर है। - राजीव गुप्ता, डायरेक्टर, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज

अलग-अलग दिनों में स्पोट्र्स एक्टिविटी कराई जाती है। इसका बच्चों की फिटनेस पर अच्छा असर पड़ रहा है। खेल कूद एक्टिविटी में शामिल बच्चों का माइंड भी शार्प हो रहा है। - ई। संजीव कुमार, डायरेक्टर, एकेडमिक ग्लोबल

Posted By: Inextlive