अब लाडलों को गाड़ी दी, तो कार्रवाई तय
- आई नेक्स्ट की खबर के बाद जागा आरटीओ एडमिनिस्ट्रेशन
- सड़क पर माइनर्स की निगरानी के लिए आरटीओ ने फॉर्म की कमेटी - टीनएज को गाड़ी देने पर होगी कार्रवाई आई इंपैक्ट GORAKHPUR: सड़क पर गाड़ी चलाने वाले माइनर्स की अब खैर नहीं है। अगर पेरेंट्स ने अपने लाडलों की जिद पूरी करने के लिए उन्हें बगैर लाइसेंस के गाड़ी थमाई, तो उन्हें अपने बेटे को छुड़ाने के लिए जेल का मुंह भी देखना पड़ सकता है। आई नेक्स्ट की खबर के बाद आरटीओ ने इस मामले में सख्त कदम उठाया है। नाबालिग ड्राइवर्स की मॉनीटरिंग के लिए एआरटीओ की अगुवाई में कमेटी फॉर्म की गई है, जो सड़क पर बाइक से फर्राटा भर रहे माइनर्स की निगरानी करेगी। वहीं उनको पकड़ने के बाद उनपर मोटर व्हीकल एक्ट के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। 3 माह जेल के अंदररूल को ताख पर रखकर गाडि़यों से फर्राटा भरने वाले माइनर्स पर अब शिकंजा कसा जाएगा। आरटीओ की कार्रवाई में अगर माइनर्स पकड़े जाते हैं, तो उन्हें तत्काल एक हजार रुपए जुर्माना तो अदा करना ही पड़ेगा साथ ही उनके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं उन्हें तीन माह की कैद, या फिर कैद और जुर्माना भी हो सकता है। इसमें गाड़ी देने वाला भी जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
आई नेक्स्ट चला रहा अभियान मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन प्रदेश में भी लागू हो गया। इसके बाद आई नेक्स्ट ने इस मामले में एक अभियान शुरू किया। 'लाडलों को संभालो' अभियान में रोजाना माइनर ड्राइवर्स से जुड़े मुद्दे उठाए गए और माइनर्स की ड्राइविंग से क्या फर्क पड़ता है या क्या मुसीबत हो सकती है, इसके बारे में एक्सपर्ट्स के जरिए टिप्स दिए गए। इतना ही नहीं साइकोलॉजिस्ट के हवाले से यह भी बताया कि आखिर क्या वजह है कि माइनर्स कम उम्र में गाडि़यों को लेकर फर्राटा भरते हैं। आई नेक्स्ट के इस अभियान की चारों ओर तारीफ की गई और कई पेरेंट्स ने अपने लाडलों को बाइक की जगह साइकिल की चाबी थमा दी। वहीं आरटीओ ने भी इसे संज्ञान लेते हुए कमेटी गठित कर दी है, जो माइनर ड्राइवर्स पर निगरानी रखेगी। परिवहन विभाग के निर्देशों का पालन करने के लिए सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। साथ ही इसमें पकड़े जाने पर संबंधित के खिलाफ मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एआरटीओ की टीम गठित कर दी गई है। - एम अंसारी, आरटीओ