एक क्लिक और पहुंचेगी पुलिस
-डायल 100 की जीआईएस बेस्ड लांच करने की तैयार में यूपी पुलिस
-सीएम अखिलेश यादव दो अक्टूबर को करेंगे एप की शुरुआत -एप इंस्टॉल करने वालों का सब ब्यौरा पुलिस के बाद रहेगा मौजूद, पूरे देश में की जा रही है डिजिटल मैपिंगGORAKHPUR: इमरजेंसी और घटना के दौरान लोगों के पास अगर सेफ्टी का कोई ऑप्शन है, तो वह है डायल 100. मगर सूचना देने के लिए जब हम फोन लगाते हैं तो या फोन नहीं उठता या नंबर ही नहीं मिलता। इन दोनों कंडीशन में लोग खुद को असहाय महसूस करते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यूपी पुलिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने और लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने डायल 100 की मोबाइल सिटीजन एप तैयार की है। इसकी खासियत यह है कि सिर्फ एक क्लिक पर पुलिस को आपके लोकेशन की जानकारी मिल जाएगी और वह आपकी मदद के लिए मौके पर होगी। जीपीएस सिस्टम पर बेस्ड इस एप को सीएम अखिलेश यादव दो अक्टूबर को लांच करेंगे। इसे गूगल प्ले स्टोर पर जीआईएस डाटा कलेक्शन सर्च कर इंस्टॉल किया जा सकता है। यह एप यूपीपी की टेक्निकल सर्विस ने डिजाइन की है।
पता चलेगा एग्जेक्ट लोकेशनएप को जीपीएस मैपिंग के थ्रू जोड़ा जा रहा है। इसका काम पूरे देश में चल रहा है। इस एप को डाउनलोड करने वाले व्यक्ति को अपना पूरा ब्यौरा इसमें दर्ज कराना होगा। इससे घटना के वक्त यूजर जैसी ही एप में दी पैनिक बटन दबाएगा, वैसे ही डायल 100 पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना मिल जाएगी। वह आपके परिवार को इसकी सूचना देने के साथ आपकी लोकेशन पर पहुंच जाएंगे। इसके लिए आपको दस बार कॉल करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। जीपीएस से जुड़ा होने की वजह से पुलिस को ऑटोमैटिक आपकी एग्जैक्ट लोकेशन मिल जाएगी।
भरनी होगी पूरी जानकारी एप डाउनलोड करने वाले यूजर्स को एप डाउनलोड करने के बाद अपना नाम, फोन नंबर, वर्क प्लेस, एड्रेस के साथ कई और अहम जानकारी फिल करनी होगी। इसका फायदा यह होगा कि अगर आप कहीं मुसीबत में हैं और आपने पैनिक बटन पर क्लिक किया है, तो पुलिस को आपके बारे में जानकारी जुटाने या आपसे इनवेस्टिगेशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और मैसेज मिलते ही वह आगे की कार्रवाई करेगी। क्या खास - पैनिक बटन दबाने पर पुलिस को कंट्रोल रूम के जीपीएस से मिल जाएगा संबंधित व्यक्ति का लोकेशन - कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी पैनिक बटन दबाने वाले की पूरी जानकारी- आपके पास पहुंचने के साथ पुलिस कर देगी घरवालों को इनफॉर्मेशन
- दूसरी भाषा जानने वालों की लिस्ट भी रहेगी मौजूद, जिससे हर भाषीय लोगों को मिल सकेगी मदद - पूरे देश में किया जा रहा है डिजिटल मैपिंग का वर्क