सड़क जाम किया तो जाएंगे जेल
- पब्लिक के बवाल पुलिस के तेवर सख्त
- मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दे चुके हैं एसएसपी GORAKHPUR: पुलिस-प्रशासन के खिलाफ विरोध जताने के लिए सड़क पर उतरना महंगा पड़ा सकता है। बात-बात पर सड़क जाम से होने वाली समस्याओं को लेकर पुलिस गंभीर हुई है। जाम, तोड़फोड़ और बवाल करने के हर मामले में सख्ती होगी। सड़क जाम करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस कार्रवाई करेगी। हाल में सड़क जाम करके प्रदर्शन करने के मामले में केस दर्ज करके पुलिस यह संदेश देने का प्रयास भी किया है। हर मर्ज की एक दवाजिले में कानून व्यवस्था, मर्डर, लूट, छिनैती की वारदातें हो या फिर बिजली-पानी की समस्या। इसके लिए सड़क जाम करके प्रदर्शन करना आम बात हो गई है। सड़क जाम को हर मर्ज की दवा मानने वाले प्रदर्शनकारी राहगीरों की समस्या से बेफिक्र होकर जम जाते हैं। घंटों लगने वाले जाम में पब्लिक की दुगर्ति होती है। प्रदर्शनकारियों के तोड़फोड़, बवाल और हंगामे से बेवजह लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार गंभीर पेशेंट को ले जा रही एबुलेंस भी जाम की शिकार हो जाती है।
केस एक:चिलुआताल एरिया के सिक्टौर, मानीराम बेकाबू बस ने बाइक सवार को टक्कर मारी। बस की चपेट में पैदल जा रही महिला चपेट में आ गई। दो लोगों को घायल करने के बाद पोल में बस टकराकर रुक गई। एक्सीडेंट में युवक की जान चली गई। युवक की मौत से गुस्साए लोगों ने मोहरीपुर बाजार में सड़क जाम करके प्रदर्शन किया। इस मामले में पुलिस ने सड़क जाम करने वाले 10 नामजद सहित अज्ञात सैकड़ों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
केस दो: कैंट एरिया के भैरोपुर मोहल्ला निवासी टेंपो चालक विजय को पुरानी रंजिश में युवकों ने पीट दिया। गंभीर हाल विजय को परिजनों ने लखनऊ केजीएमसी में एडमिट कराया। घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे नाराज लोगों ने एक जनवरी को इंजीनियरिंग कॉलेज के पास सड़क जाम करके प्रदर्शन किया। इस मामले में कैंट पुलिस ने परिवार के सदस्यों सहित अन्य अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया। चार जनवरी को एसएसपी लव कुमार से मिलकर मुकदमा हटाने की मांग की। इन धाराओं में हो सकती है कार्रवाईसड़क जाम करने पर परिस्थितियों के अनुसार पुलिस अलग-अलग धाराओं में मुकदमे दर्ज करती है। प्रशिक्षु एसआई अजय कुमार तिवारी का कहना है कि मामले में मुकदमे में दर्ज धाराओं के अनुसार एक माह से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
धारा विवरण
147 बलवा 148 घातक हथियार के साथ 149 विधि विरुद्ध जमाव 341 रोकना आगे न बढ़ने देना 336 किसी का जीवन खतरे में डालना427 तोड़फोड़, क्षतिग्रस्त करना
342 किसी को पकड़ लेना, किसी तरफ न जाने देना 353 किसी पर हमले के लिए दौड़ाना, हमलावर होना 332 सरकारी कर्मचारी को भय दिखाना, मारपीट करना 3फ्/4 लोक संपति क्षति निवारण अधिनियम 7सीएलए : ज्यादा उत्पात होने पर सड़क होने से लोगों को परेशानी होती है। इससे कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है। कोशिश की जा रही है कि लोग सड़क जाम न करें, किसी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाए। इसलिए विधि अनुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। किसी मामले में कोई समस्या होने पर पब्लिक सीधे संपर्क कर सकती है। कानून व्यवस्था को हाथ लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। लव कुमार, एसएसपी