एम्स में अब अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जांच के लिए जेब करनी होगी ढीली
गोरखपुर (ब्यूरो)। कई जांच पहले के मुकाबले तीन गुना से ज्यादा तक महंगी हो गई है। इससे मरीजों को एम्स में इलाज कराने पर ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे। सीजीएचएस ने जून में जांच की दरों में इजाफा किया था। जो जांच सीजीएचएस में शामिल नहीं हैं, उनका रेट एम्स दिल्ली में लगने वाले रेट पर होगा। जांच के लिए तीन महीने की वेटिंग
एम्स में मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए तीन महीने की वेटिंग है। जिन मरीजों को डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की सलाह दे रहे हैं। उनका रजिस्ट्रेशन 25 अक्टूबर के लिए किया गया है। ज्यादातर मरीजों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। उन्होंने प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर पर जांच कराने का फैसला लिया। एम्स सामान्य दिनों में 2100 से 2200 मरीज इलाज के लिए आते हैं। उनमें से करीब 500 से 800 मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह दी जाती है। डेली 25 अल्ट्रासाउंड होना है। हिंद लैब ने दो डॉक्टर्स से अल्ट्रासाउंड जांच के लिए करार किया है। इनमें एक डॉक्टर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक और दूसरे डॉक्टर दोपहर एक बजे से शाम चार बजे जांच करते हैं। 11 बजे से दोपहर एक बजे तक अल्ट्रासाउंड नहीं होता है। यह हो गया है रेट -
जांच पहले रेट बढ़े हुए रेट अल्ट्रासाउंउ पेट का 223 680अल्ट्रासाउंड एफएनएसी 490 1,530 घुटने की एमआरआई 2,125 2,550पेट का एक्स-रे 128 215 सीने का एक्स-रे 60 190अल्ट्रासाउंड पेस्विस 255 425एम्स में सीजीएचएस की ओर से निर्धारित रेट पर जांच की जाती है। जून में आठ साल बाद दरों में बदलाव किया गया था। इसके आधार पर हिंद लैब ने नई दर लागू करने की अनुमति मांगी थी। अब अनुमति दे दी गई है। - पंकज श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी एम्स