- कृषि कल्याण उपकर के लगाने से सर्विस टैक्स बढ़कर पहुंचा 15 प्रतिशत

- वीआईपी जिंदगी होगी सबसे अधिक प्रभावित

GORAKHPUR: महंगाई के बोझ तले आगे बढ़ रही शहरी जिंदगी की रफ्तार अब और मंद पड़ जाएगी। तरह-तरह के टैक्स के बोझ से दबे शहरवासियों को अब कृषि कल्याण सब टैक्स भी देना पड़ेगा। इससे मोबाइल पर बात करने के साथ ही पार्लर जाना, ट्रैवलिंग करना और रेस्टोरेंट में खाना अब .5 परसेंट और महंगा हो जाएगा। यह टैक्स एक जून से पूरे देश में लागू हो जाएगा। अगर आम जनता सर्विस टैक्स दायरे में आने वाले किसी भी सामान को लेते हैं, तो उन्हें अब 15 प्रतिशत टैक्स अदा करना होगा।

अभी 14.5 प्रतिशत देते थे टैक्स

अभी तक सरकार सर्विस टैक्स के रूप में पब्लिक से 14.5 परसेंट सर्विस टैक्स वसूल कर रही थी। इसमें भी .5 प्रतिशत टैक्स स्वच्छता कर था। मगर एक जून से .5 प्रतिशत टैक्स कृषि कल्याण उपकर के रूप में जुड़ जाने के कारण अब सर्विस टैक्स 15 प्रतिशत हो गया है। इस मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि इससे महंगाई और बढ़ेगी और पब्लिक की जेब और ढीली होगी। सबसे अधिक इस बढ़े टैक्स का प्रभाव वीआईपी जिंदगी जीने वाले लोगों पर पड़ेगा।

यह सेवाएं होंगी महंगी

ब्यूटी पार्लर, बैंकिंग और अन्य फायनेंशियल सेवाएं, केबल ऑपरेटर, क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विस, फैशन डिजाइन, फोटोग्राफ, सिक्योरिटी एजेंसी, हवाई व रेल टिकट बुकिंग, रेस्टारेंट का खाना, डीटीएच बिजली, पानी, शादी-विवाह, बैंक ड्राफ्ट, फंड ट्रांसफर, एसएमएस अलर्ट, फिल्म देखना, मोबाइल फोन और 10 लाख रुपए से अधिक के कार पर 1 प्रतिशत लग्जरी टैक्स देना पड़ेगा।

टैक्स हमेशा आम पब्लिक के लिए नुकसान पहुंचाता है। सरकार के इस टैक्स से पब्लिक को बाहर जाना और खाना भी महंगा होने वाला है। इसका सीधा प्रभाव पब्लिक पर पड़ेगा।

मोहित अग्रवाल, सीए

यह टैक्स शहरी रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह से प्रभावित होगी। इस टैक्स का सबसे अधिक असर शहर में मार्केट के भरोसे जिंदगी जीने वाले लोगों पर पड़ेगा।

सौरभ अग्रवाल, सीए

इस टैक्स का भार आम पब्लिक पर पड़ना तय है। इस तरह से अचानक टैक्स बढ़ाने से महंगाई और बढ़ेगी और पब्लिक और अधिक परेशान होगी। किसी भी सरकार को इतना अधिक टैक्स नहीं लगाना चाहिए।

हिमांशु अग्रवाल, सीए

Posted By: Inextlive