बच्चों पर नंबर गेन करने प्रेशर कम करने और उन्हें एक समान स्मार्ट एजुकेशन देने का समर्थन न्यू एजुकेशन पॉलिसी करती है. हर बच्चे का आदर हो उसे कोई कोस ना सके इसलिए उसके टैलेंट को पहचानकर उसे उस दिशा में बढ़ावा दिया जाएगा. कुछ ऐसी पढ़ाई अब स्कूलों में कराने की तैयारी चल रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। बच्चों पर नंबर गेन करने प्रेशर कम करने और उन्हें एक समान स्मार्ट एजुकेशन देने का समर्थन न्यू एजुकेशन पॉलिसी करती है। हर बच्चे का आदर हो, उसे कोई कोस ना सके, इसलिए उसके टैलेंट को पहचानकर उसे उस दिशा में बढ़ावा दिया जाएगा। कुछ ऐसी पढ़ाई अब स्कूलों में कराने की तैयारी चल रही है। साल 2030 तक सभी स्कूलों को एनईपी 2020 के अनुसार पूरी तरह से अपडेट होने का लक्ष्य दिया गया है। एनईपी जारी होने के बाद से ही स्कूल एक प्वाइंट पर वर्क भी शुरू कर दिए है। सभी बोर्ड अपने कैलेंडर के हिसाब से एनईपी की बातों को अपने-अपने स्कूल में लागू कर रहे हैं।क्लास 6 के बच्चे पढ़ेंगे इंजीनियरिंग


एनईपी के अनुसार अब क्लास 6 के भी बच्चे इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स की तरह स्कूलों में रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कर पाएंगे। एनईपी ने कम उम्र में ही बच्चों के स्किल डेवलप करने पर जोर दिया है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के मेन प्वाइंटस्कूली शिक्षा संबंधी प्रावधान- नई शिक्षा नीति में 5 + 3 + 3 + 4 डिजाइन वाले शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें 3 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चे शामिल होते हैं।

- पांच वर्ष की फाउंडेशनल स्टेज - 3 साल का प्री-प्राइमरी स्कूल और ग्रेड 1, 2- तीन वर्ष का प्रीपेट्रेरी स्टेज -तीन वर्ष का मध्य (या उच्च प्राथमिक) चरण - ग्रेड 6, 7, 8 -4 वर्ष का उच (या माध्यमिक) चरण - ग्रेड 9, 10, 11, 12भाषायी विविधता का संरक्षण-एनईपी-2020 में क्लास-5 तक की शिक्षा में मातृभाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को अध्ययन के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है। साथ ही इस नीति में मातृभाषा को कक्षा-8 और आगे की शिक्षा के लिये प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।- स्कूली और उच्च शिक्षा में स्टूडेंट के लिये संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं का विकल्प अवेलबल होगा, लेकिन किसी भी छात्र पर भाषा के चुनाव की कोई बाध्यता नहीं होगी।शारीरिक शिक्षास्कूलों में सभी स्तरों पर स्टूडेंट को बागवानी, नियमित रूप से खेलकूद, योग, नृत्य, मार्शल आर्ट को स्थानीय उपलब्धता के अनुसार प्रदान करने की कोशिश की जाएगी ताकि बच्चे शारीरिक गतिविधियों एवं व्यायाम वगैरह में भाग ले सकें। पाठ्यक्रम और मूल्यांकन संबंधी सुधार- इस नीति में प्रस्तावित सुधारों के अनुसार, कला और विज्ञान, व्यावसायिक तथा शैक्षणिक विषयों एवं पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं होगा।

- क्लास 6 से ही शैक्षिक पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल कर दिया जाएगा और इसमें इंटर्नशिप की व्यवस्था भी की जा रही है।- 'राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषदÓ द्वारा 'स्कूली शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखाÓ तैयार की जा रही है।- स्टूडेंट के समग्र विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए क्लास-10 और क्लास-12 की परीक्षाओं में बदलाव किया जाएगा। इसमें भविष्य में समेस्टर या बहुविकल्पीय प्रश्न आदि जैसे सुधारों को शामिल किया जाएगा।- स्टूडेंट की प्रगति के मूल्यांकन और छात्रों को अपने भविष्य से जुड़े निर्णय लेने में सहायता प्रदान करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर का प्रयोग।प्रदेश में एनईपी दो साल पहले ही जारी कर दी गई है। धीरे-धीरे सीबीएसई स्कूल एनईपी 2020 के अनुसार इंप्लीमेंट कर रहे हैं। हर स्कूलों में कुछ अलग देखने को मिल रहा है।अजीत दीक्षित, कोआर्डिनेटर, सीबीएसईएनईपी 2020 को लेकर स्कूलों में प्रिंसिपल और टीचर्स की ट्रेनिंग लगातार काउंसिल द्वारा कराई जा रही है। ट्रेनिंग के जरिए टीचर्स न्यू एजुकेशन पॉलिसी को अच्छे से जान पा रहे हैं।अमरीश चंद्रा, एग्जिक्यूटिव प्रिंसिपल, सेंट पॉल, आईसीएससीई

Posted By: Inextlive