सीएम सिटी में बिजली की व्यवस्था जल्द ही पटरी पर आ जाएगी. जर्जर तालों का मकडज़ाल दूर होगा वहीं उम्र पूरी कर चुके खंभे भी रास्तों से हटाए जाएंगे. इनकी संख्या 9 हजार के करीब है. इतना ही नहीं बिजली सप्लाई का पूरा सिस्टम प्रॉपर वे में सुधारा जाएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार ने बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए 326 करोड़ रुपए का बजट आवंटित कर दिया है। इसके अलावा अंडरग्राउंड केबल का फॉल्ट खोजने को चारों खंडों के लिए पांच फॉल्ट लोकेटर मशीने खरीदी जाएंगी। सिस्टम में सुधार की स्कीम एआईआईबी एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक स्कीम के तहत बीते दिनों प्रपोजल भेजा था। बजट आवंटित किए जाने के बाद जोन व वितरण मंडल कार्यालय टेंडर निकालने को की तैयारी में जुट गया है। स्कीम के तहत 120 लंबे फीडर्स को छोटा किया जाएगा। 200 से अधिक ट्रांसफॉर्मर्स की क्षमता बढ़ाई जाएगी। साथ ही जमीन के अंदर बिछाई जाने वाली केबल का फॉल्ट खोजने के लिए पांच फॉल्ट लोकेटर मशीनें भी खरीदी जाएंगी। यह मशीनें नगरीय वितरण मंडल के चारों खंडों को आवंटित की जाएंगी। पांचवी मशीन ग्रामीण एरिया के लिए रखी जाएंगी। अधिक लाइन लास वाले एरियाज में 334 किलोमीटर तारों को बदला जाएगा।


बिजली निगम की टीम ने किया था सर्वे

शहर के आए दिन फॉल्ट की समस्या से जूझ रहे लोगों को बेहतर सप्लाई देने के लिए बिजली निगम ने कमर सक ली है। जिन एरियाज में ज्यादातर समस्या है। उन इलाकों का पहले ही बिजली निगम की टीम ने सर्वे किया था। जहां-जहां खामियां मिली थी। उसे दूर करने के लिए निगम ने 326 करोड़ रुपए का प्रपोजल भेजा था। जिस पर सरकार की मोहर लग चुकी है। अब बिजली निगम की तरफ से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही सुधार कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। इन कार्यो पर खर्च होगा बजट मद मात्रा बजट करोड़ रुपए जर्जर तार 334 किमी 28.01 एलटी लाइनों की सुरक्षा 79 किमी 1.82 एचटी, एलटी लाइनों को अंडरग्राउंड 94 किमी 31.9011 केवी फीडर्स का विभाजन 198 69.00 अतिरिक्त एलटी लाइन सर्किट 312 किमी 30.26 फाल्ट लोकेटर मशीन 5 नग 4.95 पूर्व में भेजे गए प्रपोजल को शासन ने स्वीकृति देकर बजट आवंटित किया है। टेंडर प्रक्रिया फाइनल होने के बाद काम शुरू करा दिया जाएगा। ई। लोकेन्द्र बहादुर सिंह, एसई नगरीय

प्रदेश सरकार ने गोरखपुर शहर के बिजली वितरण सिस्टम को दुरुस्त करने को 326 करोड़ रुपए आवंटित किया है। इस बजट से शहर एरिया में बहुत से काम कराए जाने हैं। टेंडर प्रक्रिया फाइनल होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। ई। आशु कालिया, चीफ इंजीनियर

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