बेमिसाल हैं ये 'गुरुजी'
- पेशे से टीचर नहीं, फिर भी कर रहे शिक्षा का दान
- रिटायर इंजीनियर सुझा रहे तरक्की की राह GORAKHPUR: इतिहास लिखने के लिए कलम नहीं जज्बात की जरूरत होती है। ज्ञान वह नहीं जो सिर्फ स्कूलों में मिले, बल्कि गुरु की छत्रछाया तो कहीं मिल सकती है। समाज में ऐसे भी लोग हैं जिनका एजुकेशन सेक्टर से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं। बावजूद इसके वह युवाओं में उत्साह भरकर सही मार्गदर्शन कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं श्रीराम अग्रवाल और कृष्ण चंद चौधरी। जिन्हें इस नेक काम के बदले में न तो उन्हें दौलत की दरकार है और न ही शोहरत की, उनका मानना है कि ऐसा करने से उन्हें आत्मसंतोष मिलता है। एक नई उर्जा और आंतरिक खुशी मिलती है। रोजमर्रा की घटनाओं ने दिखाई राहहर इंसान में पॉजिटिव एनर्जी छिपी होती है। इसको पहचान क र इंसान मुश्किल से मुश्किल काम कर सकता है। जीवन भर के अनुभवों को सीखकर यह उपाय खोज निकाला रिटायर इंजीनियर श्रीराम अग्रवाल ने, बिजली विभाग से रिटायर होकर वह घर पहुंचे तो हताशा में डूबे युवाओं की प्रेरणा बन गए। पॉजिटिव एनर्जी के लिए स्टूडेंट्स को मोटीवेट कर रिटायर्ड इंजीनियर ने उनकी परफार्मेस बढ़ा दी। सिटी के स्कूलों में वह फ्री ऑफ कॉस्ट काउंसिलिंग करते हैं और मोटीवेशनल थ्योरी शेयर करते हैं। इसके लिए वह दैनिक जीवन की छोटी- छोटी बातों को फोकस करते हैं। दो किताबें लिख चुके इंजीनियर की प्रेरणा से छात्रों की क्षमता बढ़ाने में मदद मिल रही है। भगवती कन्या इंटर कालेज, जुबिली इंटर कालेज, मारवाड़ बिजनेस स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर सहित कई स्कूलों में श्रीराम अग्रवाल अपना अभियान चला रहे हैं।
काबिलियत को पहचान कर दिला रहे मुकामगांव-कस्बों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को प्रॉपर गाइडेंस नहीं मिल पाता। घर की जिम्मेदारियां और परिवार भी दुश्वारियां कई बार उनके कॅरियर में रोड़ा बन जाती है, इसलिए पुश्तैनी बिजनेस में आकर युवा रोजी-रोटी की जद्दोजहद में लग जाते हैं। ऐसे ही संकट से उबरे नौजवान की पे्ररणा युवाओं को कामयाब बना रही है। गांगीबाजार निवासी कृष्ण चंद चौधरी वेल्डिंग शॉप चलाने के साथ पुलिस, सेना और पीएसी में भर्ती की तैयारी कर रहे जवानों के लिए खेवनहार बने हैं। एरिया में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे यूथ की परेशानी कृष्ण चंद को रास नहीं आई। घर पर ही छात्रों के लिए फ्री क्लास शुरू कर दी और जंगल टिकरिया में फिजिकल ट्रेनिंग भी देने लगे। तीन साल पहले उनकी क्लास में सिर्फ पांच लोग थे, लेकिन अब स्टूडेंट्स की संख्या बढ़कर 60 के पार हो गई है। उनकी कक्षा में आने वाले 20 से अधिक युवाओं के बदन पर वर्दी झलक रही है।
हर इंसान में निगेटिव और पॉजिटिव थॉट्स होते हैं। यह लोगों को अच्छे रास्ते पर ले जाते हैं। उनको जीवन के हर क्षेत्र में सफल बनाते हैं। रोजाना ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनसे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। श्रीराम अग्रवाल, रिटायर्ड इंजीनियर गांव में छात्रों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। काबलियत होने के बावजूद ज्यादातर बच्चे कामयाब नहीं हो पाते। पुलिस, सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवा अक्सर छंट जाया करते थे, इसलिए मैंने यह प्रयास शुरू किया। कृष्ण चंद चौधरी, बिजनेसमैन