तो 'यात्री मित्र' नहीं है रेलवे पुलिस!
- पिछले चार मंथ से यात्री मित्र ऑफिस में ड्यूटी के लिए नहीं पहुंचा एक भी जवान
- पैसेंजर्स को हॉस्पिटल भेजने और बॉडी को डिस्पोजल के साथ हंगामे से बचने के लिए लगती है ड्यूटीGORAKHPUR : वर्ल्ड का लांगेस्ट प्लेटफॉर्म, दर्जनों ट्रेंस और लाखों की तादाद में पैसेंजर्स। ऐसे में प्रॉब्लम न हो इसके चांसेज काफी कम हैं। इन प्रॉब्लम से निपटने के लिए रेलवे की तमाम पहल नाकाफी साबित हो रही है। रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए आरपीएफ और जीआरपी की जिम्मेदारी है, इसके साथ ही उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाने और बॉडी डिस्पोल की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन दोनों ही अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोताही बरत रहे हैं। इससे न सिर्फ पैसेंजर्स की जान जोखिम में है, बल्कि रेलवे की इमेज पर भी इफेक्ट पड़ रहा है। उनके इस रुख से तो यह लगता है कि रेलवे स्टेशन पर तैनात दोनों ही तरह की पुलिस पैसेंजर फ्रेंडली नहीं है।
सभी बेसिक फैसिलिटी के लिए है यात्री मित्रगोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स प्रॉब्लम को दूर करने के लिए 'यात्री मित्र' ऑफिस भी बनाया गया है। बिजली, पानी, ट्रीटमेंट के साथ कोई भी प्रॉब्लम हो, तो इसे सॉर्टआउट करने की जिम्मेदारी यात्री मित्र को सौंपी गई है। इसमें एक ऑफिसर के साथ तीन एंप्लाई और एक प्यून भी तैनात हैं। वहीं जीआरपी और आरपीएफ से एक-एक जवानों की ड्यूटी भी लगाई जाती है। मगर यात्री मित्र से जुड़े लोगों की मानें तो पिछले चार मंथ से जीआरपी और आरपीएफ का कोई भी जवान ड्यूटी के लिए नहीं पहुंचा है।
कई राउंड बुलाने पर पहुंचते हैं जवान यात्री मित्र से जुड़े लोगों की मानें तो कई बार बुलाने और नखरा करने के बाद आरपीएफ और जीआरपी के जवान ड्यूटी के लिए आते हैं। जहरखुरानी के केस में कई बार मरीजों की हालत काफी बिगड़ भी जाती है। वहीं इस मामले में आरपीएफ और जीआरपी का कहना है कि सभी तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाती है। जो भी कंप्लेन आती है, उसे सिपाही तत्काल अटैंड करता है। डेली उनके ड्यूटी चार्ट में प्लेटफॉर्म नंबर क् और ख् पर रहने वाले सिपाहियों की ड्यूटी यात्री मित्र के लिए भी लगाई जाती है, जो अपनी ड्यूटी बाखूबी निभाता है। आरपीएफ को जो भी मेमो मिलता है, उसको फौरन ही अटैंड किया जाता है। जहरखुरानी के केस में सिपाही पैसेंजर्स को हॉस्पिटल तक पहुंचाते हैं। ड्यूटी चार्ट में भी उनकी ड्यूटी प्लेटफॉर्म के साथ यात्री मित्र के लिए मार्क रहती है।राजेश कुमार, प्रभारी, आरपीएफ
सभी तरह की लाशों के डिस्पोजल और पीडि़त पैसेंजर्स की मदद में जीआरपी अपना काम करती है। सूचना मिलने पर सिपाही फौरन ही उसे अटैंड करने के लिए मौके पर पहुंच जाता है। गिरजा शंकर त्रिपाठी, प्रभारी, जीआरपी