- सिटी की महत्वपूर्ण जगहों पर नहीं है ट्रैफिक रूल्स का इंडिकेशन बोर्ड

- नियमों से अंजान गोरखपुराइट्स नहीं दे पा रहे सवालों का जवाब

- डीएल की प्रक्रिया चेंज कर आरटीओ में शुरू किया गया ऑनलाइन टेस्ट

GORAKHPUR: डीएल के लिए ऑनलाइन टेस्ट तो शुरू कर दिया गया लेकिन गोरखपुराइट्स इसके सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसका कारण है ट्रैफिक रूल्स और संकेतों की जानकारी न होना। हो भी कैसे जब शहर में ज्यादातर जगहों पर ट्रैफिक नियमों से संबंधित बोर्ड ही नहीं लगे हैं। हाल यह है कि ऑनलाइन टेस्ट में बैठ रहे लोगों को बुनियादी ट्रैफिक संकेतों तक के बारे में पता नहीं है। डीएल टेस्ट के सवालों का जबाब देने में परेशानी का कारण यही है कि इनका जवाब शहर की सड़कों पर कहीं दिखाई ही नहीं देता।

नहीं है कहीं इंडिकेशन बोर्ड

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ की ओर से नियम-कानून तो लगातार सख्त किए जा रहे हैं, लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को लेकर आरटीओ ने कभी नियम नहीं बदले। शहर में ट्रैफिक रूल्स के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए कुछ नहीं किया गया है। बता दें कि डीएल के लिए ऑनलाइन टेस्ट में अप्लीकेंट्स से सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक इंडिकेटर्स को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं। लेकिन स्थिति ये है कि सिटी से लेकर बाहर तक कहीं भी इन रूल्स को लेकर ना ही इंडिकेशन बोर्ड लगा है और ना ही इसके लिए कोई नियम है। इसका खुलासा तब हुआ, जब आरटीओ में एग्जाम देने आ रहे अप्लीकेंट्स की कंप्लेन पर आई नेक्स्ट टीम ने सिटी के सभी प्रमुख चौराहों और मुख्य सड़कों का रियल्टी चेक किया। इस दौरान करीब 20 किलोमीटर के सफर में कहीं भी ट्रैफिक रूल्स को लेकर ना ही कहीं साइन बोर्ड दिखा और ना ही कोई इंडिकेटर।

सीन- 1 छात्रसंघ

गुरुवार सुबह सबसे पहले आई नेक्स्ट टीम सिटी के छात्रसंघ चौराहे पर पहुंची। सिटी से कसया- देवरिया जाने का यह मेन रोड है। इस चौराहे से ही शहर की महत्वपूर्ण जगहों के लिए सड़कें निकलती है। इसके बावजूद यहां ना ही यह स्पष्ट है कि कौन सी रोड कहां जाएगी और ना ही ट्रैफिक रूल्स को लेकर कोई बोर्ड या इंडिकेशन बोर्ड ही लगा है।

सीन-2 पैडलेगंज

इसके बाद आई नेक्स्ट टीम पैडलेगंज चौराहा पहुंची। बता दें कि यही वह सड़क है जो यहां से फोरलेन होकर लखनऊ-दिल्ली, वाराणसी, कुशीनगर और देवरिया जाती है। इतनी महत्वपूर्ण सड़क होने के बावजूद इस चौराहे पर भी आरटीओ के नियम-कानूनों का ना ही कोई बोर्ड लगा है और ना ही किसी तरह का कोई इंडिकेटर है।

सीन-3 गोरखनाथ

गोरखनाथ यहां की ऐसी सड़क है जो सिर्फ हाइवे ही नहीं बल्कि सीधा नेपाल से जुड़ती है। इसके बावजूद आरटीओ ने यहां भी किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा रखा है। यहीं पर गोरखनाथ ओवरब्रीज भी है और इसके मोड़ काफी खतरनाक हैं। यहां किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं है जिससे वाहन सवार यह समझ पाए कि आगे ओवरब्रीज है और अपनी गति धीमी कर ले।

सीन-4 गोलघर

ऐसा ही नजारा सिटी के सबसे पॉश और सिटी का दिल कहे जाने वाले गोलघर में भी देखने को मिला। सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले इस एरिया में भी आरटीओ की ओर से कोई इंडिकेशन बोर्ड नहीं लगा है। इससे यहां लगातार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन तो होता ही है, लोग भी इन नियमों से पूरी तरह अंजान हैं। एक तरफ लोगों को रूल्स ही नहीं पता हैं और आरटीओ अपनी डीएल की प्रक्रिया को बदलकर तत्काल प्रभाव से ऑनलाइन टेस्ट लेने में लगा है।

वर्जन- आरटीओ

Posted By: Inextlive