यहां तो पुलिस के ठेंगे पर कप्तान का आदेश
- एक बार फिर कार्मल स्टैंड पर लगने लगी सैकड़ों अवैध टैक्सियां
- एसएसपी के निर्देश के बाद भी कैंट पुलिस ने नहीं की कार्रवाई - ज्यादातर टैक्सियों पर लगा है पुलिस व राजनैतिक पार्टियों का लोगोGORAKHPUR: एक तरफ जहां सिटी में डग्गामार बसों व टैक्सियों पर अंकुश लगाने के लिए आरटीओ, पुलिस व प्रशानिक अधिकारियों ने कमर कस रखी है, वहीं दूसरी तरफ कैंट पुलिस के लिए कप्तान का आदेश भी ठेंगे पर है। इसी का नतीजा है कि एसएसपी लव कुमार के निर्देश के बाद कार्मल स्टैंड पर एक बार फिर अवैध टैक्सियों का बाजार सजकर तैयार हो गया है। ऐसे तो कोरम पूरा करने के नाम पर सोमवार को एसएसपी के निर्देश पर कैंट पुलिस ने दो गाडि़यों को पकड़कर ड्यूटी पूरी कर ली। बावजूद इसके डग्गामार बसें तो हट गई, लेकिन उनकी जगह अब स्टेशन रोड पर अवैध टैक्सियों ने डेरा जमा रखा है। जिले के कप्तान का निर्देश भी ठेंगे पर रखने वाली पुलिस की इस कार्यप्रणाली से यह साफ जाहिर हो गया है कि यहां से चलने वाली डग्गामारों से ही पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है। यही वजह है कि पुलिस इन पर हाथ नहीं डाल पा रही है।
साहब की गाड़ी पर कार्रवाई कैसे?आई नेक्स्ट की ओर से चलाए जा रहे अभियान 'सब पर भारी, डग्गेमारी' के क्रम में जब आई नेक्स्ट टीम ने इस मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि इनमें ज्यादातर गाडि़यों खुद पुलिस वालों की ही हैं। जो अन्य गाडि़यां भी है वे भी किसी न किसी ऐसे ही व्यक्ति की है, जिनपर हाथ डालने में पुलिस के हाथ उठ नहीं पा रहे हैं। यहां खड़ी तमाम गाडि़यों में से ज्यादातर गाडि़यों पर या तो पुलिस का मोनोग्राम बना है या फिर किसी राजनैतिक पार्टी का झंडा। इन सब कुछ के बाद भी अगर पुलिस इसपर कार्रवाई नहीं कर पा रही तो यह खुद इस बात की ओर इशारा करता है कि पुलिस खुद नहीं चाहती कि इस अवैध कारोबार पर अंकुश लग सके।
आरटीओ भी हुआ बेबसडग्गामार बसों पर तो आरटीओ ने कार्रवाई तेज कर दी है, लेकिन अब धीरे-धीरे यह मामला एक बार फिर हमेशा की तरह ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है। इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी अभी तक डग्गामार बसों पर भी पूरी तरह अंकुश नहीं लग सका है। इसके साथ ही टैक्सियों पर कार्रवाई की बात पर आरटीओ अधिकारियों के सामने भी यह समस्या खड़ी हो रही है कि जब वे किसी टैक्सी को पकड़ते हैं तो उनमें बैठे पैसेंजर्स इस बात की गवाही नहीं देते कि यह टैक्सी है। आरटीओ टीम देखते ही टैक्सियों में बैठे लोग इन गाडि़यों के मालिक बन जाते हैं। ऐसे में आरटीओ भी बेबस साबित हो रहा है। इसी लिए इन टैक्सियों पर अंकुश लगाने के लिए इसकी जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है।
इसके लिए पुलिसकर्मियों को निर्देशित कर दिया गया है, कुछ कार्रवाई हुई भी है। अवैध टैक्सियों पर कार्रवाई में अगर पुलिसकर्मियों की ओर से कोई कमी पाई गई तो इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लव कुमार, एसएसपी आरटीओ टीम लगातार काम कर रही है। टैक्सियों पर कार्रवाई करने में कुछ प्रॉब्लम आ रही है, लेकिन इसके लिए टीम को निर्देशित कर दिया गया है कि सभी अवैध गाडि़यों पर कार्रवाई की जाए। एके गुप्ता, आरटीओ, एनफोर्समेंट