कैसे होंगे प्रैक्टिकल्स जब नहीं जलेंगे बर्नर
-हाल-ए-डीडीयूजीयू केमेस्ट्री डिपार्टमेंट
- केमेस्ट्री लैब में स्टूडेंट्स के लिए नहीं है सुविधाएं - सुविधाओं से वंचित बीएससी स्टूडेंट्स को पानी तक नहीं होते नसीब GORAKHPUR: सर जब बर्नर ही नहीं जलेगा तो फ्लास्क कैसे गर्म होगा। और जब फ्लास्क ही गर्म नहीं होगा तो कैसे प्रैक्टिकल करेंगे। यह दर्द है डीडीयूजीयू केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के बीएससी स्टूडेंट्स का। लैब की हालात यह है कि एक अपरेटस पर चार-चार स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल कर रहे हैं। स्टूडेंट्स इस समस्या को लेकर टीचर्स से कई बार कंप्लेन कर चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनने को तैयार ही नहीं। एक्सपर्ट तक नहीं हैंडीडीयूजीयू का केमेस्ट्री लैब इन दिनों पूरी तरह से बदहाल है। न तो बीएससी स्टूडेंट्स के लिए एक्सपर्ट्स हैं और न ही फ्लास्क को गर्म करने के लिए बर्नर। बर्नर न होने के चलते प्रैक्टिकल्स में काफी दिक्कत आ रही है। स्टूडेंट्स का कहना है कि एक अपरेटस पर चार-चार स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल्स कराए जाते हैं, जबकि प्रत्येक स्टूडेंट के लिए अलग-अलग अपरेटस होने चाहिए।
अक्सर बंद रहता है तालावहीं कुछ स्टूडेंट्स ने नाम न पब्लिश करने की शर्त पर बताया कि केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में लैब की समस्या तो बरकरार है ही साथ ही पानी की सबसे ज्यादा प्रॉब्लम है। स्टूडेंट्स को पीने के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं है। एक फिल्टर लगा भी है तो वह खराब है। वाटर कूलर रूम में अक्सर ताला बंद रहता है। कुछ स्टूडेंट्स तो घर से पानी लेकर आते हैं। बाकी दूसरे डिपार्टमेंट में पानी पीने जाते हैं।
मूक दर्शक की भांति देखते हैं आला अधिकारी वहीं केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के आला अधिकारी मूक दर्शक की भांति देखते रहते हैं, लेकिन स्टूडेंट्स की समस्या को लेकर वह कभी भी आगे नहीं आते। स्टूडेंट्स ने बताया कि जब भी समस्या लेकर किसी टीचर से बात की जाती है तो वह टालमटोल करते हैं या फिर आश्वासन देकर वापस लौटा देते हैं। इस मामले में डीन साइंस प्रो। एचएस शुक्ला ने कहा कि एचओडी से बात कर स्टूडेंट्स की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।