बिना बागबान के कैसे खिले बाग
- असुरन स्थित गवर्नमेंट इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में नहीं हैंप्रिंसिपल
- टीचर्स, कर्मचारी और स्टूडेंट्स को प्रिंसिपल के कमी से आ रही हैं उनके सामने कई समस्याएं GORAKHPUR: क्या कोई बाग कभी माली के बिना फल फूल सकता है? आपका जवाब होगा नहीं। किसी देश के एजुकेशन इंस्टीट्यूट भी एक बाग की तरह ही होते है। वह भी बिना प्रिंसिपल के फल फूल नहींसकता है। ऐसी ही स्थिति से गोरखपुर में असुरन स्थित गवर्नमेंट इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईटीआई) की है। यह संस्था पिछले तीन महीने से बिना प्रिंसिपल के ही रन कर रही है। प्रिंसिपल के न रहने से इंस्टीट्यूट के डेवलपमेंट के कई काम ठप पड़े हैं। खाली पड़ा है प्रिंसिपल का पदप्रिंसिपल न होने से यहां के डेवलपमेंट के कार्य अधूरे हैं। इससे पहले यहां पर प्रिंसिपल के पद पर गोविंद कुमार तैनात थे, लेकिन उनका ट्रांसर्फर बहराइच आईटीआई कॉलेज में हो जाने के बाद से यह पद आज तक खाली है। कॉलेज के कर्मचारी और टीचर्स इस भ्रम में रहते हैं कि इस यहां की जिम्मेदारी चरगांवा स्थित आईटीआई कॉलेज के प्रिंसिपल राजेश राम की है, लेकिन यहां के प्रिंसिपल की मानें तो उनके पास आईटीआई असुरन का कोई चार्ज उन्हें नहीं मिला है। इन सबके बीच आईटीआई के स्टूडेंट्स, कर्मचारी और टीचर्स पिस रहे हैं। एक तरफ जहां कर्मचारियों की अपनी समस्या है, वहीं टीचर्स के सामने आने वाली समस्या को लेकर वह अपनी रिपोर्ट सबमिट करने में पूरी तरह से असमर्थ हैं। स्टूडेंट्स के समस्याओं की बात करें तो वे अपनी समस्या टीचर्स से ही कह सकते हैं।
क्या-क्या है समस्याएं? - सभी डेवलपमेंट के कार्य रुके हैं। - जर्जर बिल्डिंग के रिपेयरिंग के लिए बजट नहीं। - फाइनेंसियल विभाग से जुड़े सारे कार्य पेडिंग हैं। - कंप्यूटर रूम में धूल फांक रहें हैं लाखों रुपए में खरीदे गए कंप्यूटर्स। - स्टोर से रॉ मैटेरियल नहीं मिलने से स्टूडेंट्स को हो रही है प्राब्लम। - स्टूडेंट्स को वेरिफिकेशन में आ रही है प्रॉब्लम। मैने बहराइच में ज्वाइन कर लिया है। रहा सवाल आईटीआई, असुरन कॉलेज के चार्ज का तो वह मैं देकर आया था। गोविंद कुमार, प्रिंसिपल, आईटीआई, बहराइच चरगांवा आईटीआई नोडल सेंटर जरूर है, लेकिन जब तक प्रिंसिपल गोविंद कुमार चार्ज नहीं देंगे। तब तक हम डेवलपमेंट कार्य कैसे कर सकेंगे। राजेश राम, प्रिंसिपल, आईटीआई, चरगांवा