बीएड पाठ्यक्रम को लेकर अब तक नहीं मीटिंग
बीएड पाठ्यक्रम को लेकर अब तक नहीं हुई मीटिंग
- दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को लेकर डीडीयूजीयू प्रशासन ने पाठ्यक्रम की नहीं की मीटिंग द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: न्यू सेशन स्टार्ट होने में महज 13 दिन और शेष है, लेकिन दो वर्षीय बीएड के पाठ्यक्रम को लेकर डीडीयूजीयू की तरफ से अभी तक दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है। यहां तक पाठ्यक्रम समिति की बैठक तक नहीं हुई है। अब सवाल उठता है कि इतने शॉर्ट टाइम में डीडीयूजीयू प्रशासन कैसे बीएड सेशन 2015-16 एक जुलाई से स्टार्ट कर पाएगा।नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन के निर्देशानुसार, सभी यूनिवर्सिटी को नये पाठ्यक्रम के तहत दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम करना है। इसके लिए बकायदा यूनिवर्सिटी बीएड के पाठ्यक्रम को तय कर उसे लागू कराएगी। लेकिन डीडीयूजीयू प्रशासन ने पाठ्यक्रम को लेकर न तो अब तक पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई है और ना ही इसके लिए पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों को किसी प्रकार की गाइड लाइन जारी की गई है।
क्या है नियमदो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए विषय विशेषज्ञों से राय लेकर उस पर मंथन किया जाता है। उसके बाद इस पर मीटिंग आयोजित कर उसे लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करते हैं। तब जाकर पाठ्यक्रम को पाठ्यक्रम समिति में रखा जाता है। एप्रवूल मिलने के बाद फैकेल्टी कमेटी के पास जाता है। उसके बाद एकेडेमिक काउंसिल से पास होता है। फाइनली एग्जीक्यूटिव काउंसिल के एप्रुवल मिलने के बाद प्रभावी रूप से पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाता है।
इतने शार्ट टाइम कहां से करेंगे मैनेज बीएड पाठ्यक्रम से जुड़े विषय विशेषज्ञों की माने तो जब तक पाठ्यक्रम समिति की बैठक में निर्णय नहीं ले जाते तब तक असमंजस की स्थिति बनी रहेगी। इसलिए जल्द से जल्द अगर पाठ्यक्रम समिति की बैठक नहीं हुई तो आगे के कमेटी में बीएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम को एक जुलाई से पहले लागू कर पाना यूनिवर्सिटी के लिए चुनौती भरा होगा। ड्यूरेशन फॉर बीएड कोर्स एंड वर्किग डेज - बीएड प्रोग्राम दो साल का है। - मैक्सिमम तीन साल के भीतर कंप्लीट कर सकते है। - 365 दिन में 200 दिन वर्किग डे होगा। - हर हफ्ते में 5-6 दिन का वर्क होगा। - बीएड टीचर और स्टूडेंट्स को 80 परसेंट अटेंडेंस होना अनिवार्य है। वर्जनदो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को लेकर जल्द ही पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद स्टेप वाइज एक्शन लिए जाएंगे। प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू