पीएमटी एंट्रेंस अब भी अधर में
- कंडक्टिंग यूनिवर्सिटी को अब तक नहीं मिल सका जीओ
- मई में एंट्रेंस एग्जाम होने की उम्मीद, ऑनलाइन भरे जा सकते हैं फॉर्म द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : यूपी प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2015 कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी गोरखपुर यूनिवर्सिटी के जिम्मे तो कर दी गई, लेकिन अब तक इस मामले में उन्हें कोई भी ऑफिशियल लेटर या जीओ नहीं मिला है। इसकी वजह से न सिर्फ गोरखपुर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की टेंशन बढ़ती जा रही है, बल्कि पीएमटी एंट्रेंस कब और कैसे होगा, इसको लेकर जिम्मेदार से लेकर स्टूडेंट्स टेंशन में हैं। डॉक्टर बनने की चाह रखने वाले कैंडिडेट्स फॉर्म भरने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक फॉर्म की तैयारी करना तो दूर कोऑर्डिनेटर तक नहीं फाइनल किया है और वह जीओ का इंतजार करने में लगे हुए हैं। जीओ आने के बाद ही बढ़ेंगे कदमएग्जाम कंडक्ट कराने की जिम्मेदारी देने के बाद गवर्नमेंट ऑर्डर जारी किया जाता है। मगर गोरखपुर यूनिवर्सिटी को अब भी इसका इंतजार है। सोर्सेज की मानें तो वह जीओ का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद ही कोऑर्डिनेटर की लिस्ट फाइनल की जाएगी। जीओ में यह क्लीयर रहता है कि यूनिवर्सिटी को एग्जाम कैसे कंडक्ट कराना है, उन्हें किस डेट तक फॉर्म भरवाने हैं और कब तक रिजल्ट डिक्लेयर कर देना है। ऐसे में बिना जीओ आए यूनिवर्सिटी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती। जिसकी वजह से उन्होंने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।
फॉर्म डिजाइन से लेकर बाकी चीजों में भी लगेगा वक्त एंट्रेंस कराने के लिए गोरखपुर यूनिवर्सिटी के लिए राह काफी आसान नहीं है। उन्हें इसकी तैयारियों के लिए भी काफी वक्त चाहिए। यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की मानें तो सबसे पहले यूनिवर्सिटी को फॉर्म प्रोफॉर्मा डिजाइन के साथ ही कई और चीजें फाइनल करानी है। ऐसे में अगर लास्ट मोमेंट पर उनके पास इसकी जानकारी होगी, तो प्रॉब्लम होना तय है। वहीं फॉर्म की स्कैनिंग, एडमिट कार्ड, रिजल्ट डिक्लेयरेशन के साथ कई और जरूरी चीजें भी फाइनल करनी होंगी। ऑनलाइन मोड में भरे जा सकते हैं फॉर्मगोरखपुर यूनिवर्सिटी की फॉर्म भरने से लेकर डिग्री निकालने तक की लगभग सभी प्रॉसेस ऑनलाइन हो चुकी है। इसलिए पीएमटी के लिए भी यह पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि यूनिवर्सिटी इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म ही भरवाएगा। केजीएमयू के अलावा कई और यूनिवर्सिटी भी ऑनलाइन प्रॉसेस अपना चुकी हैं। इसमें शासन के हस्तक्षेप के बाद रूरल एरियाज में रहने वाले कैंडिडेट्स को एक यूनिवर्सिटी में ऑफ लाइन मोड में फॉर्म भरवाए गए थे, लेकिन डिजिटल एरा में ऐसा होने की उम्मीद काफी कम है।
पीएमटी के संबंध में अब तक हमें कोई जीओ नहीं मिला है। इसकी वजह से प्रॉसेस स्टार्ट नहीं हुई है। इस संबंध में शासन से बात भी की गई है। जैसे ही जीओ मिलता है, वैसे ही तैयारियां तय वक्त पर पूरी कर ली जाएंगी। - प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू