शहर के दस इलाकों में नहीं निकलता बिल
- लगभग 25 हजार कंज्यूमर्स के घर बिल निकलवाने की नहीं हो पाई व्यवस्था
- बिजली बिल न बनने से पब्लिक और विभाग दोनों को हो रही परेशानी GORAKHPUR: शहर के एक दर्जन से अधिक ऐसे मोहल्ले हैं, जहां के कंज्यूमर्स आज भी बिजली बिल निकालने वाले विभागीय कर्मचारी का इंतजार कर रहे हैं। मगर आज भी बिल के लिए उन्हें खुद ही दौड़ लगानी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी एरिया की महिलाओं को हो रही है। कंज्यूमर्स बिजली विभाग से कई बार कंप्लेन भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक यहां बिजली बिल निकालने की व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में शहर में चल रहे राजस्व वसूली अभियान किस तरह से पूरा किया जाए, इसको लेकर विभाग के अफसर संशय में हैं। लगभग 45 हजार कंज्यूमर्स प्रभावितमहानगर के एसई आरआर सिंह ने बताया कि शहर के ऐसे 45 हजार कंज्यूमर्स हैं, जिनका बिल नहीं निकलता है। इनमें 25 हजार ऐसे कंज्यूमर्स हैं, जो एक दर्जन मोहल्लों में रहते हैं। इनके यहां सबसे अधिक प्रॉब्लम यह है कि कभी कोई भी बिलिंग स्टाफ वहां जाता ही नहीं है। बिजली विभाग भी ऐसे मोहल्लों को चिन्हित कर रहा है, जहां बिल निकालने के लिए कर्मचारी नहीं जाते हैं। उन एरिया को बिल निकालने की जिम्मेदारी बिजली विभाग के टीजी-टू के कर्मचारियों को दी जाएगी। इन कंज्यूमर्स के यहां अगर हर माह बिल पहुंचने लगे तो इसमें लगभग 70 प्रतिशत ऐसे कंज्यूमर्स अपने आप सामने आ जाएंगे तो हर माह अपना किसी न किसी तरह से बिल जमा कर देंगे। जिससे विभाग की अर्निग बढ़ेगी।
सकरी गलियों में दिक्कत ज्यादा शहर में बिजली बिल न निकलने की प्रॉब्लम सकरी गली वाले मोहल्लों में ज्यादा है। यहां बिजली का बिल जमा करने के लिए कंज्यूमर्स को खुद ही मशक्कत करनी पड़ती है। शहर के पैडलेगंज, दीवान बाजार के पिछले हिस्से के साथ ही घोसीपुरवा, कृष्णानगर सहित कई ऐसे शहर के अंदरूनी हिस्से हैं, जहां आज भी बिजली बिल निकालने के लिए कोई नहीं जाता है। यहां के कंज्यूमर्स को खुद ही अपना बिल निकलवाने के लिए ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है। कोशिश की जा रही है कि पूरे शहर को बिल हर माह बन जाए। इसके लिए प्राइवेट कंपनी को जिम्मेदारी देने के साथ ही साथ विभाग के टीजी-टू कर्मचारियों को भी बिल बनाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। आरआर सिंह, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम