एक बार फिर से कोरोना का खतरा मंडराने लगा है. आरएमआरसी गोरखपुर की माने तो इंडिया में कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला सामने आ चुका है. इसके लिए सभी जगहों पर निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा गया है. वहीं सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि कोविड को लेकर अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही सभी कोविड हॉस्पिटल को गाइडलाइन के मुताबिक सक्रिय किया जाएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। कोविड-19 वायरस का प्रकोप फिर से शुरू हो चुका है। हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामले भी सामने आए हैैं। हालांकि डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। भारत में कोविड-19 के सब वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में सामने आया है। हालांकि, पीडि़त महिला रोगी अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है। आरएमआरसी के वॉयरोलॉजिस्ट डॉ। अशोक पांडेय ने बताया कि कोविड-19 के बचाव के लिए कोविड गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। भीड़-भाड़ में मास्क और दो गज की दूरी बनाए रखना है।दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील


सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि जिले भर के सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिला आधारित मामलों की नियमित आधार पर निगरानी और रिपोर्ट करने को कहा गया है। कोविड-19 जांच के लिए भी तैयारी की जा रही है। आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच भी कराया जाएगा।क्या है जेएन.1 वैरिएंट?

माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि केरल में एक महिला में कोरोना वायरस के जेएन-1 नामक नए सब-वेरिएंट की पहचान की गई है। इसके बाद से चिंता बढ़ गई है। शासन की तरफ से 16 दिसंबर को केरल के एक मरीज में कोविड-19 के जेएन-1 सब वैरिएंट की उपस्थिति की पुष्टि की। यह भारत में इस तरह का पहला मामला था। जेएन-1, बीए.2.86 वैरिएंट से निकटता से संबंधित है। इसे पिरोला भी कहा जाता है, जो कि हाल ही में अमेरिका और चीन में इसका पता चला है। कोविड-19 के सब वैरिएंट जेएन.1 की पहचान पहली बार लक्जमबर्ग में की गई थी। कई देशों फैला यह संक्रमण पिरोलो स्वरूप (बीए.2.86) से संबंधित है।

Posted By: Inextlive