अभी तक आप इंजीनियरिंग कॉलेज की लैब में ड्रोन रोबोट समेत कई आधुनिक मशीनें दिखती थीं. अब ऐसी ही एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई एंड रोबोटिक्स लैब स्कूलों में देखने को मिलेगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इसकी शुरुआत तारामंडल एरिया स्थित सरमाउंट स्कूल में होने जा रही है। सरमाउंट स्कूल के स्टूडेंट्स अब इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों की तरह पढ़ाई कर सकेंगे, जिसमे ट्रेंड टीचर कक्षा 3 से 12 तक के बच्चों के अलग-अलग बैच को ट्रेनिंग दे रहे हैं। बताया ये भी जा रहा है कि यह शहर का पहला स्कूल हैं, जहां पर एआई एंड रोबोटिक्स टेक्निक से लैस लैब तैयार की गई है। लैब में यह फैसिलिटीएआई एंड रोबोटिक्स लैब में यह इंस्ट्रूमेंट दिए गए हैं। रोबोटिक डाई किट, आईओटी किट, गेयर मैकेनिज्म किट, 3 डी पेन, 3 डी प्रिंटर, एम बोट, क्रॉस सेक्शन इंजन, रोबोटिक्स आर्म, हुमैनायड रोबोट और प्लूटो ड्रोन अवेलबल है। लैब में एक्सपर्ट के रूप में विकास शुक्ला, संतोष यादव, आशुतोष मिश्र, उदय राय और दीपक गुप्ता बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। एनईपी 2020 के अनुसार अपडेट हो रहे स्कूल


एनईपी 2020 ने अनुसार बच्चों का स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया गया है। एनईपी के अनुसार स्कूलों में बच्चों की एआई और रोबोटिक्स की पढ़ाई होनी है। इसको देखते हुए सर माउंट स्कूल ने हाइटेक लैब तैयार की है। बोले एक्सपर्ट

एआई एंड रोबोटिक्स लैब के बनने से बच्चों का इंट्रेस्ट बढ़ा है। कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले स्कूल में ही अब बच्चों को रोबोट और ड्रोन की बेसिक जानकारी हो जाएगी। विकास शुक्ला, एक्सपर्टनए समय के साथ चुनौतियां भी बढ़ी हैं। इन चुनौतियों से लडऩे के लिए बहुत जरूरी है कि बच्चे भी नए चैलेंज को स्वीकार करने के लिए मजबूत बनें। रोबोटिक्स लैब से बच्चे काफी कुछ जान सकेंगे। दुर्गेश चौधरी, एक्सपर्टएनईपी में पहले ही इसका जिक्र कर दिया गया है कि नई शिक्षा में रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी कोर्स होगा। स्कूल में ही बच्चे अपने पैर पर खड़े होने भर की ट्रेनिंग प्राप्त कर सकेंगे। आशुतोष मिश्रा, एक्सपर्टरोबोटिक्स लैब बनने से बच्चे काफी खुश हैं। बच्चों को सिखाने से पहले 15 दिन की स्पेशल ट्रेनिंग हम लोगों की भी हुई है। जिसे हम 3 से 12 तक के बच्चों के बीच शेयर करेंगे। संतोष यादव, एक्सपर्टबोले स्टूडेंटकिताब से पढ़कर हर चीज आसानी से नहीं समझी जा सकती है। जबकि प्रैक्टिकली हम लोग जो समझते हैं, उसे पूरे जीवन भूल नहीं पाते हैं। उसे लिखना भी आसान होता है। अंशिका त्रिपाठी, स्टूडेंट

जब से स्कूल में लैब बनी है। नई-नई चीजें सीखने को मिल रही है। टीचर ने रोबोट के बारे में प्रैक्टिकली समझाया। ड्रोन की भी जानकारी दी। मुझे अब स्कूल में ही बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।आव्य कश्यप, स्टूडेंटआइडिया कभी भी किसी के दिमाग में आ सकता है। स्कूल में अच्छी पहल की गई है। रोबोटिक्स लैब में स्टूडेंट नए-नए इनोवेशन पर भी काम कर सकेंगे। पहले इसके लिए इंटर पास करना पड़ता था। ऋषभ सिंह, स्टूडेंटमुझे तो अब कुछ नया करना है। स्कूल ने एक अच्छी सुविधा दी है तो उसका सही यूज करना है। हमारे अंदर जो भी नए आइडिया आते हैं, अब स्कूल में उसपर प्रैक्टिकल कर सकेंगे। समायरा यादव, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive