डायरिया न हो. इसके लिए 0-5 वर्ष तक के बच्चों के लिए 'रोटा वैकÓ वैक्सीन की नई डोज आ गई है. यह वैक्सीन न तो बर्बादी होगी और ना ही एक साथ पांच लोगों के आने पर उन्हें बूथ से वापस जाना होगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके लिए शासन की तरफ से वैक्सीन की क्वालिटी की मानिटरिंग के लिए कैप वीवीएम से हटाकर अब लेबल वीवीएम (वैक्सीन वॉयल मॉनिटर) वाले वॉयल भेजे गए हैैं। एक वॉयल में पांच डोज के 4 घंटे के मियाद वाली वैक्सीन के डोज को अब 28 दिन तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए गोरखपुर को 4 हजार डोज नए वॉयल मिले हैं। पुराना और नया मिलाकर 49,970 डोज वैक्सीन डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन सेंटर में उपलब्ध है। क्यों जरूरी है बच्चों को रोटा वायरस का टीका
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। प्रतीक बताते हैैं कि भारत में 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 9 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु डायरिया के कारण हो जाती है। यह बच्चों में लंबे समय तक कुपोषण का कारण भी होता है। इससे बच्चों में जरूरी शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा आती है एवं अन्य रोगों से ग्रसित होने की संभावना भी बढ़ जाती है। रोटा वायरस के मदद से हर साल डायरिया से नवजात शिशुओं को निजात दिलाने में रोटा वायरस टीका बेहद कारगर साबित हुआ है। पहले कैप वीवीएम के साथ आता था लेकिन 23 मार्च को आए नए वैक्सीन में अब लेबल वीवीएम वाली वैक्सीन गोरखपुर डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन सेंटर में पहुंच चुकी है। गोरखपुर को मिलीं वैक्सीन


वैक्सीन - डोज जीव - 14,400बीसीजी - 10,000बीसीजी डॉयलुएंट - 10,000डीपीटी डोज - 10,000पेंटा वैलेंट - 11,520 बीओपीवी डोज - 40,000एफआईपीवी डोज - 2500आरवीवी ड्रॉपर - 4,000बीओवीपी ड्रॉपर्स - 2000'रोटा वैकÓ की नई डोज मिल गई है। इसे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसके बारे में ट्रेनिंग भी दी जाएगी। नए वाले में लेवल वीवीएम लगे हुए हैैं। डॉ। एनके कुशवाहा, जिला प्रतिक्षण अधिकारी

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