चीनी मिल चले, नहीं तो एम्स या स्टेडियम ही बने
- बार-बार की मांग के बाद भी नहीं चालू हुआ मिल तो क्षेत्र के लोगों ने रखी नई मांग
- 2007 से ही बंद है 60 करोड़ की धुरियापार चीनी मिल, स्थानीय 2017 के चुनाव में बन सकता है मुद्दाGORAKHPUR: 60 करोड़ रुपए की धुरियापार चीनी मिल वर्षो तक क्षेत्र के किसानों की उम्मीद रहा और इलाके के विकास का कारण भी। लेकिन वर्ष 2007 में चीनी मिल की चिमनियां धुआं उगलना बंद कर दीं और इसी के साथ इलाके में गन्ने की खेती करना जैसे लोग भूलने लगे। इस बीच सात साल गुजर गए और प्रत्येक वर्ष गन्ने की पैदावार के समय लोग चीनी मिल चालू करने की मांग को आवाज देते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। गोरखपुर में एम्स खोले जाने की घोषणा के बाद इलाकाई लोगों ने नई मांग रखी है कि चीनी मिल नहीं खुल सकता तो कम से कम एम्स या इंटरनेशनल स्टेडियम ही बना दिया जाए। यह मांग अब क्षेत्र की पब्लिक से लेकर पंचायत प्रतिनिधियों तक गूंज रही है। क्षेत्र विधायक भी इसे भुनाने में लग गए हैं।
193 एकड़ जमीनचीनी मिल के पास 193 एकड़ सरकारी जमीन है। इसमें 12 एकड़ राज्यपाल के नाम, 91 एकड़ ग्राम सभा, 71 एकड़ मिल के नाम और 12 एकड़ पॉलीटेक्निक के नाम दर्ज है। आसपास किसानों की काफी जमीनें हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि चीनी मिल और उसकी जमीन किसी काम नहीं आ रही। वहीं मिल बंद होने के कारण क्षेत्र का विकास ठहर गया है। लगातार मांग के बाद भी मिल चालू नहीं हुआ। चुनावी वादें कर सपा भी भूल गई। अब इलाकाई लोग सीधी मांग कर रहे हैं कि यदि मिल नहीं चालू हो सकता तो एम्स या इंटरनेशनल स्टेडियम ही बना दिया जाए जिससे कि क्षेत्र का रुका हुआ विकास पटरी पर आ जाए। क्षेत्र में जो फिजां बन रही है, उसके हिसाब से 2017 में होने वाले विस चुनाव में यहां के लिए यही मुद्दा होगा।
मैं क्षेत्र के लोगों के साथ हूं। उनकी मांग जायज है। चीनी मिल चालू कराने के लिए विस में मुद्दा उठाऊंगा। बसपा की सरकार बनी तो मिल जरूर चलेगा। - राजेश त्रिपाठी, बसपा विधायक, चिल्लूपार चीनी मिल बंद होने से किसानों की उन्नति के साथ ही क्षेत्र का भी विकास ठहर गया है। इसे चालू कराया जाए या मिल की जमीन में स्टेडियम ही बने ताकि क्षेत्र के युवाओं का विकास हो। भगवान प्रसाद तिवारी, स्कूल संचालकसरकार चाहे तो विशेष पैकेज देकर मिल चालू करा सकती है। मिल नहीं चलाना चाहती तो एम्स का ही निर्माण करा दे ताकि क्षेत्र का विकास हो। यहां आसानी से जमीन मिल जाएगी।
- अभितोष गिरि उर्फ सोनू गिरि चीनी मिल चालू हो जाता तो किसानों की उन्नति होती। यह नहीं हो सकता तो अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बन जाए ताकि क्षेत्र के युवाओं के प्रतिभा को निखार मिले और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। इससे इलाके के युवाओं का पलायन रुकेगा। - राजकुमार मद्धेशिया, प्रधान, बेलासपुर इतने दिनों तक मिल बंद करने के कारण गन्ने की खेती काफी कम हो गई। अब तो मिल की जमीन पर अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम, एम्स या कोई उद्योग ही खुले ताकि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिले। इलाके की तरक्की भी होगी। - बृजभान यादव, प्रधान, रामपुर सनाथ