निगेटिव इंफॉर्मेशन से बढ़ी लाइफ में टेंशन
- सोशल मीडिया पर निधन की सूचना पर होते मायूस, बढ़ती बेचैनी
- कोरोना संक्रमण से मौत की सूचना पर दिन भर देते श्रद्धांजलि - साइकोलाजिस्ट की सलाह, मन को अशांत करने वाली सूचनाओं से करें परहेजGORAKHPUR: अब तो इतना भय व्याप्त हो गया है कि वॉट्सएप खोलने की हिम्मत नहीं हो रही है। शुभकामनाएं तो लिखी जा सकती हैं, किन्तु दुर्भाग्य है अब तो श्रद्धांजलि के शब्द भी थक रहे हैं। यह पीड़ा बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े सत्य प्रकाश ने अपने वॉट्सएप ग्रुप पर व्यक्त की हैं। एक अकेले सत्य प्रकाश नहीं, बल्कि तमाम ऐसे लोग हैं जो सोशल मीडिया पर आने वाली पोस्ट से दहल जा रहे हैं। उनको लग रहा है कि कोरोना से किसी के निधन की सूचना आई होगी। सोशल मीडिया पर पड़ने वाली पोस्ट लोगों को मायूस करने के साथ-साथ बेचैन करने लगी है। इस चक्कर में कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल कम कर दिया है। हालांकि संकट के इस दौर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों की मददगार भी बन रहे। लेकिन ज्यादातर नकारात्मक सूचनाएं लोगों को डिप्रेशन का शिकार भी बना रही हैं। साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि कोविड के प्रकोप से ऐसी परिस्थितयां बनी हैं। किसी अपने के साथ हुई घटना को जानकार लोग दुखी हो जा रहे हैं। इससे लोगों के मन में अपनी सुरक्षा को लेकर तरह-तरह के ख्याल आने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर आ रहे पोस्ट - - टाइम लाइन पर कोविड से संबंधित सूचनाओं की भरमार है। - लोग अपने परिचितों की मौत पर श्रद्दांजलि देने के लिए पोस्ट कर रहे हैं। - कुछ लोग अस्पताल के बाहर और भीतर की दुर्दशा की तस्वीरें शेयर कर रहे। - कोविड संक्रमण से होने वाली मौतें, घाटों पर जलती चिताओं की तस्वीरें पोस्ट हो रही हैं। - अव्यवस्था, बदहाली सहित अन्य मामलों को सामने लाकर लोग सूचनाएं साझा कर रहे। - ब्लड, प्लाज्मा, बेड और आक्सीजन की डिमांड को लेकर भी लोग अपने पोस्ट कर रहे हैं। - किसी को बेड नहीं मिला तो किसी की बॉडी जलाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही। लोगों पर क्या पड़ रहा असर - - कोरोना संक्रमित लोगों के लिए ऐसी पोस्ट काफी दर्दनाक साबित हो रही। - पीड़ादायक पोस्ट देखकर लोगों के मन में निगेटिव विचार आने लग रहे हैं। - पीडि़तों के मन में ऐसे भी ख्याल आ रहे हैं कि उनके साथ कुछ गलत न हो जाए।- तमाम पेशेंट और उनके परिजन इमोशनली कमजोर पड़ जा रहे हैं।
- नकारात्मक सूचनाओं की वजह से लोग धीरे-धीरे सोशल मीडिया से दूर हो रहे हैं। - इससे उन लोगों को नुकसान होगा जो फेसबुक या ट्विटर से मदद मांग रहे हैं। यह आ रही समस्याएं ब्लड प्रेशर की शिकायत नर्वस ब्रेक डाउन चिड़चिड़ापन नींद न आने की प्रॉब्लम इन उपायों से मिलेगी राहत - सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातों को पोस्ट करें। - कोरोना के मरीजों के ठीक होने की जानकारी दी जाए। - कहां पर क्या सुविधाएं हैं। क्या लाभ मिलेगा। इसकी जानकारी दी जाए। - एक दूसरे की परवाह करते हुए कैसे मदद कर सकते हैं। इसे बताया जाए। - वर्चुअली कनेक्ट रहते हुए कैसे हिम्मत बढ़ाई जा सकती है। इसकी जानकारी दें। - मनोबल बढ़ाने और डिप्रेशन से बचाने वाले पोस्ट को ही शेयर करें। सोशल मीडिया को डिप्रेसिंग और नकारात्मक होने से बचाने की जरूरत है। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि किसी मरीज या उसके परिजन को सोशल मीडिया को देखने में डर ना लगे। आवश्यकतानुसार वह लोगों से मदद भी मांग सकें। - डॉ। रोहित गुप्ता, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलसोशल मीडिया पर लोग ऐसे पोस्ट अपने परिचितों को सूचना देने के लिए डाल रहे हैं। पहले सामान्य तौर पर होने वाली घटनाओं की जानकारी लोगों को देते थे। तब इसकी फ्रीक्वेंसी कम होती थी, लेकिन वर्तमान में सभी एक ही तरह परिस्थितयों का सामना कर रहा है। इससे भयभीत भी है। इसका सेहत पर सीधा असर पड़ता है।
- प्रो। धनंजय कुमार, मनोविज्ञान विभाग, डीडीयूजीयू