धार्मिक महत्व वाले दुर्लभ पक्षियों का बसेरा
SAHJANWA/BHITIRAWAT: सहजनवां तहसील क्षेत्र में स्थित ग्राम रहीमाबाद के पास उज्जिखोर इन दिनों आकर्षण का केंद्र है। यहां के सिवान में ईंट भट्ठे के प्रयोग में ली गई जमीन के खंडहर में दुर्लभ नील कंठ व हारील पक्षियों ने इधर कुछ दिनों से बसेरा बना लिया है। रहने के लिए अनुकूल मौसम मिलने की वजह से यहां बसेरा बनाए पक्षियों की आवाजाही और चहचहाहट से एक अदभुत नजारा सा हो गया है।
विदेश में आ गए हैं हमयह जगह उनके लिए इतनी खास है कि दोनों प्रजातियों के पक्षी यहां रहने के साथ ही आसपास स्थित पेड़-पौधों और झाडि़यों का भी खूब आनंद ले रहे हैं। यहां का नजारा देखने से ऐसा लगता है कि हम किसी विदेश में आ गए हैं। शाम के समय इस खुली जगह पर हवाएं चलती हैं, तो हल्की धूप के बीच नीले-नीले चमकीले और हरे पक्षियों का झुंड हवाओं में उड़ता दिखता नजर आने लगता है। ऐसे ही पक्षियों का वर्णन धर्म ग्रंथो में नील कंठ का नाम भगवान शिव से जोड़ा गया है। वही हारिल पक्षी का वर्णन भगवान कृष्ण के समय किया गया था।