अवेयर होगा समाज तभी बंद होगी यह 'बकवास'
- आयोजन करने वाले करें पहल कि आने वाले न करें हर्ष फायरिंग
- नशे में फायरिंग से होते हैं हादसे, अपनी पार्टी में नशा और फायरिंग पर लगाएं प्रतिबंध - सूचना पर पुलिस करे सख्त कार्रवाई तो रुक सकती है हर्ष फायरिंगGORAKHPUR: हर्ष फायरिंग जैसी 'बकवास' को बढ़ावा हमारी सोसायटी ने ही दिया है, इसलिए इसे रोकने के लिए भी सोसायटी को ही आगे आना होगा। सेल्फ डिफेंस के लिए असलहों का यूज अब क्राइम में होने लगा है। पॉवर मोटिव सोसायटी के कल्चर का पार्ट बन गया है और हर्ष फायरिंग को स्टेट्स सिंबल के रूप में तवज्जो दी जाने लगी है। यह सही है कि पॉवर मोटिव में किसी की जान लेने का इंटेशन नहीं होता है लेकिन हादसा होने पर दुख सबको होता है। इसलिए सोसायटी इसे अवॉयड करे और सूचना मिलने पर पुलिस सख्त कार्रवाई करे। शनिवार को आई नेक्स्ट की ओर से कराए गए ग्रुप डिसक्शन में पब्लिक व एक्सपर्ट्स की राय का लब्बोलुआब यही रहा। राय रही कि मैरेज हाल संचालक से लेकर आयोजक तक को इसका प्रयास करना चाहिए कि उनके यहां हर्ष फायरिंग न हो। वह खुद ही इस बात पर प्रतिबंध लगाए कि उनके आंगतुक नशे में न आएं। साथ ही असलहे लाएं तो प्रदर्शन से परहेज करें।
इन वजहों से होती हर्ष फायरिंग - अपने को अलग दिखाने के लिए करते हैं फायरिंग - पॉवर मोटिव सोसायटी के कल्चर का पार्ट बन गया है। - स्टेट्स सिंबल के रूप में असलहों का इस्तेमाल किया जाता है। - फायरिंग का मौका न मिलने की वजह से लोग खुशी के मौकों पर गोली दागते हैं। - किसी घटना के बाद अपने करीबी के खिलाफ कार्रवाई कराने से लोग बचते हैं। - मुकदमे के दौरान पीडि़त के मुकरने से ऐसे मामलों में सजा नहीं हो पाती। - परिवार के लोग इस तरह के मामलों को दबाने का प्रयास भी करते हैं। - मैरेज हाल, पार्टी लान में दबाव देकर लोग नियमों की अनदेखी करते हैं। इस तरह से रोक सकते हैं दुर्घटनाएं - सोशल अवेयरनेस जरूरी है। - सोशल मीडिया पर अभियान चलाना चाहिए। - शादी, बर्थडे, रिसेप्शन के कार्ड पर फायरिंग नहीं करने का निवेदन किया जाए। - मैरेज हाल, पार्टी लान सहित अन्य जगहों पर लाइसेंसी असलहे जाने पर पाबंदी होनी चाहिए। - खुशी के मौके पर नशा करने पर भी मनाही हो। नशा करने वाले असलहा न चला सकें।- शादी-विवाह के कार्यक्रमों में पुलिस की सरप्राइज चेकिंग कराई जाए।
- सोसायटी में स्टेट्स सिंबल बनी बंदूक को बाहर करने का प्रयास किया जाए। - किसी फंक्शन में फायरिंग होने की सूचना पुलिस को देकर कार्रवाई में मदद करें। - जिलों में वेपन यूज करने के लिए फायरिंग रेंज बनाए जाएं। एक्सपर्ट्स कमेंट ऐसे मामलों में पुलिस कार्रवाई करती है। लेकिन पब्लिक और सोसायटी की ओर से पहल नहीं होगी। तब तक इस पर अंकुश लगा पाना मुश्किल है। डीजीपी सर्कुलर में हर्ष फायरिंग रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। किसी घटना के बाद लोगों का सहयोग नहीं मिल पाता है। कोई अपने रिश्तेदार, मित्र के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहता है। ऐसे में मुकदमे पेडिंग रह जाते हैं। अवेयरनेस के जरिए हर्ष फायरिंग को रोकने में मदद मिलेगी। हेमराज मीणा, एसपी सिटीगाडि़यों की भीड़, असलहों की भरमार से खुद को सबसे महत्वपूर्ण दिखाने की होड़ होती है। पॉवर मोटिव और स्टेटस सिंबल होने से लोग इस पर जोर देते हैं। इसके बहाने लोग मैसेज पास करना चाहते हैं कि वह सबसे इम्पॉर्टेट व पॉवरफुल पर्सन हैं। इस वजह से लोग अपने जानने वाले असलहाधारियों को न्यौता देकर बुलाते हैं। कल्चर का पार्ट बने स्टेटस सिंबल को खत्म करने की जरूरत है।
डॉ। धनंजय कुमार, साइकोलाजिस्ट इसको रोकने के लिए हर व्यक्ति को पहल करनी होगी। लोगों को चाहिए कि शादी-विवाह के कार्ड पर इस बात का जिक्र करें कि असलहों से फायरिंग पर प्रतिबंध रहेगा। घटनाओं को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर अवेयरनेस चलाने की जरूरत है। लोगों को यह बताया जाएगा कि असलहों से फायरिंग से कभी कोई घटना हो सकती है। इसलिए समाज को स्पष्ट संदेश देने की जरूरत है। विनोद कुमार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मैरेज हाल में फायरिंग न करने, डीजे न बजाने के संबंध में बुकिंग के समय ही जानकारी दी जाती है। मैरेज हाल के बाहर बोर्ड भी लगाए गए हैं। बावजूद इसके लोग असलहा लेकर आ जाते हैं। मना करने पर लोग विवाद करने लगते हैं। ऐसे में प्रॉब्लम आ जाती है। यदि शादी के कार्ड में इस बात की मनाही पहले से कर दी जाए तो इसका फायदा मिलेगा। संजय कुमार श्रीवास्तव, मैरेज हाल संचालकहर्ष फायरिंग की घटनाएं सिर्फ 20 प्रतिशत होती है। 80 प्रतिशत कार्यक्रमों में हर्ष फायरिंग नहीं होती है। मैरेज हाल की बुकिंग के दौरान ही डीजे का परमिशन लेने की बात कही जाती है। पुलिस को चाहिए कि अचानक जांच अभियान चलाकर मैरेज हाल में चेकिंग कराएं। असलहे के साथ पकड़े जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मोहम्मद रफी खान, मैरेज हाल संचालक शादी-विवाह के मौकों पर शराब पीने पर पाबंदी लगनी चाहिए। आयोजकों को चाहिए कि अपने लोगों से अपील करें कि लोग शराब पीकर न आएं। बारात में आने वाले लोग शराब पीकर आते हैं। नशा करने वाले लोग अति उत्साह में गोलियां चला देते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से बात बन सकेगी। प्रवीण कुमार, मैरेज हाल ऑनर किसी कार्यक्रम में जो भी घटनाएं होती हैं। उनके लिए परिवार के खास और बेहद करीबी ही जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में सबसे पहले परिवार की जिम्मेदारी बनती हैं कि हर्ष फायरिंग को रोकने के लिए अपने लोगों को मना करें। जब तक पब्लिक प्रयास नहीं करेगी। तब तक ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकेगा। संदीप शर्मा, मैरेज हाल संचालक